पटना : बार-बार की ट्रिपिंग से परेशान रहे शहरवासी
1000 के पार पहुंची फ्यूज कॉल की संख्या पटना : पिछले वर्ष पेसू में कई स्तर पर सिस्टम अपग्रेडेशन हुआ और दावा किया गया कि अब उसकी लोड वहन क्षमता बढ़ कर 1200 मेगावाट से अधिक हो गयी है. लेकिन पिछले सप्ताह गर्मी बढ़ते ही दावों की पोल खुल गयी और जैसे ही लोड 600 […]
1000 के पार पहुंची फ्यूज कॉल की संख्या
पटना : पिछले वर्ष पेसू में कई स्तर पर सिस्टम अपग्रेडेशन हुआ और दावा किया गया कि अब उसकी लोड वहन क्षमता बढ़ कर 1200 मेगावाट से अधिक हो गयी है.
लेकिन पिछले सप्ताह गर्मी बढ़ते ही दावों की पोल खुल गयी और जैसे ही लोड 600 मेगावाट के पार पहुंचा, पेसू का पूरा सिस्टम हांफने लगा और बार बार ट्रिपिंग होने लगी. गर्मी में बिजली के गुल होने से लोगों को होने वाली परेशानी को फ्यूज कॉल की बढ़ती संख्या में भी देखा जा सकता है. जाड़े में इसकी संख्या 300 और सामान्य मौसम में 400 के आसपास होती है जो पिछले सप्ताह बढ़ कर प्रतिदिन एक हजार से भी अधिक हो चुकी है.
मंगलवार को दोपहर 1.50 बजे तक पेसू फ्यूज कॉल सेंटर पर इनकी संख्या 58 तक पहुंच चुकी थी. शहर में कार्यरत 49 अन्य फ्यूज कॉल सेंटर की भी ऐसी ही स्थिति थी. इस गर्मी के शुरू होने से पहले तक पेसू का अधिकतम लोड 636 मेगावाट था जो पिछले वर्ष रिकाॅर्ड किया गया था. लेकिन 45 डिग्री के तापमान के पार करते ही पिछले सप्ताह यह रिकाॅर्ड टूट गया और शनिवार को अधिकतम लोड बढ़ कर 686 मेगावाट तक पहुंच गया.
ओवरलोड ट्रिपिंग की बड़ी वजह
पेसू की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था से वर्षों से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि गर्मियों के बढ़ते ही ट्रिपिंग के बढ़ने की सबसे बड़ी वजह ओवरलोडिंग है. एसी का इस्तेमाल तेजी से फैलने के कारण कई विद्युत उपभोक्ताओं की खपत उनके द्वारा लिये गये कनेक्शन की क्षमता से दोगुनी तीन गुनी तक हो गयी है. इसके कारण विद्युत इंजीनियरों की गणना गलत हो जा रही है और डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफाॅर्मर को कागज पर दिखा रहे लोड से कई किलोवाट अधिक लोड झेलना पड़ रहा है.
क्षमता से अधिक लोड होते ही ट्रांसफाॅर्मर में लगे एमसीवी नीचे गिर जाते हैं और सर्किट ब्रेकडाउन हो जाता है. जब तक मिस्त्री आकर संबंधित ट्रासफाॅर्मर के जंफर को दूसरे ट्रांसफाॅर्मर से कनेक्ट कर लोड शेयर नहीं करता है और एमसीवी को ऊपर नहीं उठाता है, संबंधित क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति बंद रहती है.