फुलवारीशरीफ : आने वाले समय में पशु चिकित्सक राज्य के लिए मील का पत्थर साबित होंगे, आपदाओं के समय मनुष्य के साथ-साथ पशुओं को कैसे बचाया जाए इस ओर सरकार का पूरा ध्यान है. मौसम परिवर्तन का असर दिख रहा है. ऐसे में जनजीवन के साथ पशुधन भी प्रभावित हो रहा है. इससे कैसे निबटा जाए इसके लिए सरकार सभी पशु चििकत्सकों के लिए विशेष प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर रहा है. इस अवसर पर प्रशिक्षार्थियों को मंत्री द्वारा प्रमाणपत्र प्रदान किया गया.
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पशुओं के लिए खुलेगा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल
फुलवारीशरीफ : आने वाले समय में पशु चिकित्सक राज्य के लिए मील का पत्थर साबित होंगे, आपदाओं के समय मनुष्य के साथ-साथ पशुओं को कैसे बचाया जाए इस ओर सरकार का पूरा ध्यान है. मौसम परिवर्तन का असर दिख रहा है. ऐसे में जनजीवन के साथ पशुधन भी प्रभावित हो रहा है. इससे कैसे निबटा […]
बिहार पशुचिकित्सा महाविद्यालय के डीन डॉ जेके प्रसाद ने धन्यवाद ज्ञापन किया. मौके पर पशुपालन विभाग के आपदा प्रभारी डॉ रवींद्र कुमार सिंह, बिहार आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सलाहकार डॉ अजीत कुमार समरियार, सहायक निदेशक पशुपालन डॉ दिवाकर, विशेष कार्य पदाधिकारी नरेंद्र कुमार लोहानी, विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ पीके कपूर आिद मौजूद थे.
आपदा में जानमाल के नुकसान को रोकने पर जोर
कृषि सह पशुपालन मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में राज्य के पशु चिकित्सकों के लिए आपदा में पशुओं के प्रबंधन पर चल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह में कहा कि पशुओं के बेहतर इलाज के लिए प्रमंडलीय स्तर पर सभी सुविधाओं सहित सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल का निर्माण कराया जायेगा.
गंभीर बीमारियों से पीड़ित पशुओं का इलाज हो सकेगा और आसपास के किसान और पशुपालक को इलाज के लिए अपने पशुओं को लेकर लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी. इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रामेश्वर सिंह ने कहा कि पहले आपदा में हुए जान- माल के नुकसान के लिए मुआवजे दिए जाते थे पर अब जान-माल के नुकसान को कैसे रोका जाये उस पर ध्यान दिया जा रहा है जो बहुत ही सराहनीय है. एहतियात इलाज से बेहतर होता है.
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