बिहार के तर्ज पर केंद्र भी हर घर पहुंचायेगा नल का जल
पटना : बिहार सरकार की हर घर नल का जल योजना को केंद्र सरकार ने भी स्वीकार किया है. केंद्र ने कहा है कि 2024 तक देश के सभी जिलों में हर घर नल का जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. राज्य के पीएचइडी मंत्री विनोद नारायण झा ने शुक्रवार को दिल्ली में जल […]
पटना : बिहार सरकार की हर घर नल का जल योजना को केंद्र सरकार ने भी स्वीकार किया है. केंद्र ने कहा है कि 2024 तक देश के सभी जिलों में हर घर नल का जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. राज्य के पीएचइडी मंत्री विनोद नारायण झा ने शुक्रवार को दिल्ली में जल शक्ति मंत्री, भारत सरकार गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात कर केंद्र की हर घर नल का जल योजना के लिए बधाई दी.
उन्होंने बिहार सरकार के सात निश्चय की चर्चा करते हुए कहा कि मार्च 2020 तक योजना को पूर्ण करने का लक्ष्य है. पीएचइडी मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के तहत हर घर में नल के माध्यम से जल की सुविधा कराने के लिये आठ हजार करोड़ की सहायता भारत सरकार द्वारा शीघ्र प्रदान की जाये.
साथ ही विश्व बैंक की सहायता से निर्माणाधीन नीर निर्मल परियोजना को पूरा करने का समय को बढ़ाकर निर्धारित मार्च 2020 से 2021 मार्च तक कर दिया जाये. योजनाओं में निर्माण के साथ-साथ पांच वर्षों के परिचालन व रखरखाव का कार्य भी शामिल किया गया है. इस योजना के पूरा होने के बाद पांच वर्ष तक परिचालन एवं रख-रखाव पर लगभग 16500 करोड़ व्यय का आकलन है.
इन बिंदुओं पर हुई केंद्रीय मंत्री से चर्चा
– पीएचइडी विभाग के जिम्मे वाले 56079 वार्डों में 30,497 वार्ड गुणवत्ता प्रभावित है और शेष 25,582 गैर गुणवत्ता क्षेत्र में है.
– दक्षिण बिहार के पठारी व उपपठारी भाग में सासाराम, औरंगाबाद, कैमूर, गया, नवादा, जमुई, मुंगेर, भागलपुर, बांका शेखपुरा, नालंदा के 3814 वार्डों में अधिक फ्लोराइड की समस्या है.
– कोसी क्षेत्र के नौ जिले पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, कटिहार, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, खगड़िया एवं बेगूसराय के 21598 वार्डों में आयरन की समस्या है.