पटना : साहब की कुर्सी का रोब दिखाकर करता था वसूली
आयकर विभाग में संविदा पर चपरासी की नौकरी करने वाले कृष्णा ने बनायी करोड़ों की अवैध संपत्ति पटना : आयकर विभाग में संविदा पर चपरासी की नौकरी करने वाला कृष्णा राय ने अवैध तरीके से करोड़ों की अवैध संपत्ति बनायी है. उसके ठगी करने का तरीका बेहद ही नायाब था. वह आयकर भवन में साहब […]
आयकर विभाग में संविदा पर चपरासी की नौकरी करने वाले कृष्णा ने बनायी करोड़ों की अवैध संपत्ति
पटना : आयकर विभाग में संविदा पर चपरासी की नौकरी करने वाला कृष्णा राय ने अवैध तरीके से करोड़ों की अवैध संपत्ति बनायी है. उसके ठगी करने का तरीका बेहद ही नायाब था. वह आयकर भवन में साहब यानी कमिश्नर या इससे ऊपर के अधिकारी के उन कमरों की तलाश में रहता था, जो खाली है.
मतलब साहब लंबी छुट्टी पर चल रहे हैं या किसी दिन जल्दी घर या किसी मीटिंग में कहीं चले गये या ऐसे किसी मौके की तलाश जब उनका सरकारी कमरा या चैंबर खाली मिले. कमरा खाली मिलने पर उनकी कुर्सी पर बैठकर सेल्फी खिंचना और उसे फेसबुक तक पर अपलोड करना, उसकी सबसे बड़ी आदत थी. उसने कुछ फोटो कुछ पदाधिकारियों के कमरे में भी घुसकर खिंचवाये थे.
अगर इस फोटो को किसी क्लाइंट या पैसे वसूलने वाले व्यक्ति को दिखाना होता था, तो इस ऐंगल से फोटो खिंचवाया जाता था कि अधिकारियों की कुर्सी के पीछे लगा सक्सेशन बोर्ड भी साफ दिखायी दे. कई बार इस पर अपना नाम भी चिपका देता था. ताकि लोग भ्रमित हो सके और उसे आयुक्त रैंक का कोई अधिकारी समझ बैठे. इस तरह का झांसा देने से उसे पैसे ठगने में बेहद आसानी होती थी.
टैक्स चोर को बचाने के लिए पैसे ऐंठ चुका है : राजीव नगर थाना में उसके खिलाफ हुई एफआइआर में जिस शिकायतकर्ता युवराज महतो समेत 33 लोगों ने जो लिखित आवेदन दिया है. उसके साथ इस तरह के फोटो और कुछ वीडियो क्लिप भी सबूत के तौर पर दिये गये हैं.
इनमें ये बातें साफतौर पर दिखती हैं. साहब की कुर्सी और कमरे का रौब दिखाकर वह अपना पूरा फर्जीवाड़ा का कारोबार लंबे समय से करते आ रहा था. उसने सिर्फ इन्हीं 33 लोगों से नहीं, बल्कि अन्य कई लोगों से नौकरी के नाम पर, तो किसी से आयकर छूट दिलाने, तो किसी टैक्स चोर को बचाने तक के लिए पैसे ऐंठ चुका है. हालांकि इस काम में विभाग के कई पदाधिकारी और कर्मचारी भी मिले हुए हैं.
इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता है. तभी वह चैंबर में खुद को या कई बार अपने किसी साथी को बड़े साहब के रूप में प्रस्तुत करके ठगी का कारोबार करता था. उसका फर्जीवाड़ा दो-तीन महीने पहले भी विभाग के सामने उजागर हुआ था, जिसके बाद उसे निकाल दिया गया था. हालांकि उसके कुछ सहयोगी अब भी यहां जमे हुए हैं.