मुजफ्फरपुर में SKMCH अस्पताल के पास मिले मानव कंकाल के अवशेष पर बिहार के मंत्री ने दी ये प्रतिक्रिया
पटना : बिहार के मुजफ्फरपुर में श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसकेएमसीएच) के पोस्टमॉर्टम खंड के निकट कचरे के ढेर में मानव कंकाल के अवशेष मिलने का मामला प्रकाश में आने पर बिहार के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि कभी-कभी शवों का कोई दावेदार नहीं होता है, इसलिए सरकार शवों को जलाने के लिए […]
पटना : बिहार के मुजफ्फरपुर में श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसकेएमसीएच) के पोस्टमॉर्टम खंड के निकट कचरे के ढेर में मानव कंकाल के अवशेष मिलने का मामला प्रकाश में आने पर बिहार के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि कभी-कभी शवों का कोई दावेदार नहीं होता है, इसलिए सरकार शवों को जलाने के लिए पोस्टमार्टम विभाग को 2,000 देती है, जो वे कई बार नहीं करते हैं.अब जांच ही इसके पीछे की सच्चाई बतायेगी. उन्होंने कहा, मीडिया इसे अलग तरह से पेश कर रहा है.
Bihar Minister Ashok Chaudhary on skeletons found near SKMCH in Muzzaffarpur: Sometimes bodies have no claimants so Govt gives Rs2,000(to post mortem dept) to burn the bodies,which they don't do many times. Probe will reveal the truth behind this,media projecting it differently pic.twitter.com/gWm2pc1fNc
— ANI (@ANI) June 23, 2019
उल्लेखनीय है कि मुजफ्फरपुर में एसकेएमसीएच अस्पताल के पास मानव कंकाल के अवशेष मिलने का मामलाशनिवार को प्रकाश में आया है. एक जून से चमकी बुखार से 100 से ज्यादा बच्चों की मौत को लेकर एसकेएमसीएच खबरों में है. अस्पताल के अधीक्षक सुनील कुमार शाही ने कहा कि लावारिस शवों का पोस्टमॉर्टम के बाद नियत समय में अंतिम संस्कार कर दिया जाता है. ये मानव कंकाल के ये अवशेष उस स्थान से मिले हैं जहां अंतिम संस्कार किए जाते हैं. लेकिन, मैं मानता हूं कि यह काम बेहद मानवीय तरीके से होना चाहिए.
शाही ने संवाददाताओं से कहा ,‘‘पोस्टमॉर्टम खंड अस्पताल से संबद्ध मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के प्रशासनिक नियंत्रण में आता है. मैंने मामले की खोजबीन करने के लिए एक समिति गठित करने और प्रतिकारक कदम उठाने के लिए उनसे कहा है.’ चमकी बुखार से बच्चों की मौतों के कारण महामारी जैसी स्थिति की कवरेज के लिए पहुंचे पत्रकारों द्वारा पूछे गये सवालों के जवाब में शाही ने यह बात कही. न्यूज चैनलों में अवशेषों की तस्वीरें दिखाई जाने के बाद जिला प्रशासन तत्काल हरकत में आया और अनुमंडल अधिकारी (पूर्व) कुंदन कुमार और पुलिस अधीक्षक (शहर) नीरज कुमार घटनास्थल पर पहुंचे.
पुलिस अधीक्षक ने इस संबंध में पूछे जाने पर कहा,‘‘गहन जांच पूरी होने तक हम इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे.’ वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि शवों का अंतिम संस्कार ठीक ढंग से नहीं किया जाना लंबे समय से क्षेत्र की समस्या बनी हुई है. यहां आवारा कुत्तों को अधजले शवों पर झपटते देखा जा सकता है.