पटना : किसानों को पेंशन देने और सूखे से निबटने की तैयारी पूरी : डॉ प्रेम
पटना : राज्य के लाखों वैसे किसान जिनकी उम्र 18 से 40 साल है, इन्हें प्रधानमंत्री किसान पेंशन योजना के तहत साठ साल की उम्र के बाद तीन हजार रुपये मासिक पेंशन मिलेगी. राज्य के कृषि मंत्री डाॅ प्रेम कुमार ने बुधवार को प्रेस काॅन्फ्रेंस कर इसकी घोषणा की. डॉ प्रेम कुमार ने कहा कि […]
पटना : राज्य के लाखों वैसे किसान जिनकी उम्र 18 से 40 साल है, इन्हें प्रधानमंत्री किसान पेंशन योजना के तहत साठ साल की उम्र के बाद तीन हजार रुपये मासिक पेंशन मिलेगी. राज्य के कृषि मंत्री डाॅ प्रेम कुमार ने बुधवार को प्रेस काॅन्फ्रेंस कर इसकी घोषणा की. डॉ प्रेम कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के बाद अब सरकार पीएम किसान पेंशन योजना को सफल बनाने की तैयारियों में लग गयी है.
इस योजना के लिए किसानों को अलग से नकद प्रीमियम देने की जरूरत नहीं पड़ेगी. किसानों को राहत देने के लिए पीएम सम्मान निधि से पेंशन योजना को लिंक कर दिया जायेगा. इससे तय समय पर पेंशन योजना का प्रीमियम खुद खाते से कट जायेेंगे.
किसानों के लिए शुरू की जा रही पेंशन योजना को दो माह में लांच करने की तैयारी है. इस योजना का लाभ वर्तमान में 18 से 40 वर्ष के उम्र वाले किसानों को मिलेगी. उन्हें प्रीमियम के रूप में प्रत्येक महीने 100 रुपये देने होंगे. किसानों की सहमति के बाद यह प्रीमियम सम्मान निधि के 6000 रुपये सालाना से 1200 रुपये कट जायेेंगे. इतना ही अंशदान सरकार करेगी. 60 साल पूरा होने पर किसानों को तीन हजार रुपये मासिक पेंशन मिलेगी.
धान की रोपनी शुरू : कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सूखे की स्थिति से निबटने के लिए तैयारी पूरी कर ली है. इस खरीफ मौसम में धान का बिचड़ा 35.41 फीसदी कवर किया जा चुका है. धान की रोपनी भी शुरू हो गयी है. 15 जुलाई तक लक्ष्य पूरा कर लिया जायेगा.
मक्के की बुआई हो रही है. किसानों को डीजल अनुदान, कृषि इनपुट अनुदान और पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ दिया जा
रहा है. सुपौल जिले और तिरहुत व दरभंगा प्रमंडल में धान की रोपनी शुरू हो गयी है. राज्य में रोपनी का लक्ष्य 33 लाख हेक्टेयर है.
वहीं तीन लाख 30 हजार हेक्टेयर में धान के बिचड़े का लक्ष्य है, लेकिन एक लाख 16 हजार 854 हेक्टेयर में बिचड़ा डाल दिया गया है. अब केसीसी की तर्ज पर पशु और मत्स्य के लिए भी क्रेडिट कार्ड दिये जायेंगे. साथ ही कौशल विकास के तहत इनके पालन का प्रशिक्षण भी किसानों को दिया जायेगा. वहीं, डॉ प्रेम कुमार ने कहा कि चमकी बुखार से लीची का कोई संबंध नहीं है.