पटना सिटी : तीन बच्चों की अरथी से मुहल्ला हुआ गमगीन
पटना /पटनासिटी : तीनों ही बच्चे जियाऊल हक कॉलोनी नया टोला में रहते थे. तीनों की मौत के बाद एक साथ ही उनके शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया. इसे देख कर मुहल्ले के आसपास के लोग गमगीन हो गये. जबकि उनके माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल था. तीनों ही बच्चे साधारण […]
पटना /पटनासिटी : तीनों ही बच्चे जियाऊल हक कॉलोनी नया टोला में रहते थे. तीनों की मौत के बाद एक साथ ही उनके शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया. इसे देख कर मुहल्ले के आसपास के लोग गमगीन हो गये.
जबकि उनके माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल था. तीनों ही बच्चे साधारण परिवार के थे और उनके माता-पिता नगर निगम या निजी स्तर पर सफाई कर्मी का काम करते हैं. इसमें राजू जितन मांझी का एकलौता पुत्र था. पोस्टमार्टम से शव आने के उपरांत परिजनों ने मृतक तीनों बच्चों के दाह- संस्कार के लिए गुलबी घाट ले गये. बस्ती के लोगों ने बताया कि इतना खौफनाक मंजर पहले कभी नहीं था. जब एक साथ तीन लोगों की अरथी बस्ती से उठी. मृतक तीनों के पिता ने ही मुखाग्नि दी है.
..अब केकर सहारे जीवई बऊआ
अब केकर सहारे जीवइ बऊआ यह चीत्कार पानों देवी की थी, जिसका 11 वर्षीय पुत्र राजू कार की चपेट में आकर मर गया था. पिता जीतन मांझी व बस्ती के लोग पानों देवी को समझाने की कोशिश कर रहे थे. कुछ इसी तरह की स्थिति मृतक रोहित की मां उषा देवी व पिता भगीरथ मांझी की भी थी.
सड़क किनारे बैठक कर चीत्कार कर रहे मृतक के परिजनों को बस्ती के लोग समझाने की कोशिश कर रहे थे, मृतक हलेंद्र की मां रामसखिया देवी का कहना था कि मना कइली कि आज छत पर सुत रहो, लेकिन ना मानलक, अब का होतइ बऊआ, जख्मी मनीष की मां चौरसी देवी भगवान से प्रार्थना कर रही थी कि किसी तरह बच्चे को ठीक कर दिया जाये.
घटना से मर्माहत बस्ती के घरों मे आज चूल्हा भी नहीं जला था. गम में डूबे बस्ती के लोगों को समझ में नहीं आ रहा था कि क्या हुआ है. क्योंकि हर कोई मौत से मर्माहत था. घटना से दुखी बच्चे बुढ़े व महिलाएं एक दूसरे को ढ़ाढ़स बंधाने में लगी थी.