विधानमंडल का मॉनसून सत्र : पूर्व सदस्यों के निधन, AES और प्राकृतिक आपदाओं से मौत पर जताया गया शोक, विपक्ष का हंगामा
पटना : बिहार विधानमंडल के मॉनसून सत्र के पहले दिन की कार्यवाही 28 जून को शुरू हो गयी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, विधान परिषद में नेता विरोधी दल राबड़ी देवी समेत कई सदस्य सदन में भाग लेने के लिए विधानमंडल पहुंचे. वहीं, बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व आरजेडी नेता तेजस्वी […]
पटना : बिहार विधानमंडल के मॉनसून सत्र के पहले दिन की कार्यवाही 28 जून को शुरू हो गयी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, विधान परिषद में नेता विरोधी दल राबड़ी देवी समेत कई सदस्य सदन में भाग लेने के लिए विधानमंडल पहुंचे. वहीं, बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व आरजेडी नेता तेजस्वी यादव सदन नहीं पहुंचे.
बिहार विधानमंडल के मॉनसून सत्र के पहले दिन रालोसपा के दो विधायकों ललन पासवान और सुधांशु शेखर को विलय की मान्यता दी गयी. मॉनसून सत्र के पहले दिन ही सदन के बाहर विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया. भाकपा-माले के सदस्यों ने मुजफ्फरपुर में एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस)से बच्चों की मौत को लेकर स्वास्थ्य मंत्री का इस्तीफा मांगते हुए प्रदर्शन किया. वहीं, कार्यवाही शुरू होते ही विधानसभा में विपक्ष दलों सदस्यों ने सदन में एईएस से बच्चों की मौत के मामले को उठाया. इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने सदस्यों से शांत रहने की अपील की.
विधानसभा के पूर्व कई सदस्यों रामलाल सिंह, संजय कुमार, अंबिका प्रसाद, रमणिका गुप्ता, यमुना प्रसाद राम, महेश पासवान, महेंद्र बैठा और नीता चौधरी के के निधन पर शोक प्रकट किया. वहीं, मुजफ्फरपुर में एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से बच्चों की मौत के साथ-साथ प्राकृतिक आपदाओं (लू और बिजली गिरने से मौत) से हुई मौत पर शोक प्रकट किया गया. विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी समेत सभी सदस्यों ने एईएस और प्राकृतिक आपदाओं से मौत पर शोक जताया और शोक संतप्त परिजनों को मुश्किल घड़ी में दुख सहन करने की शक्ति के लिए एक मिनट का मौन धारण रखा. इसके बाद सदन की कार्यवाही एक जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी गयी.