30 हजार वार्डों के पानी में बढ़ी रसायनों की मात्रा
पटना : बिहार में ग्राउंड वाटर कम होने के साथ ही 30 हजार से अधिक वार्डों के पानी में फ्लोराइड, आर्सेनिक व आयरन की मात्रा प्रति वर्ष बढ़ रही है. यह आंकड़ा हर घर नल का जल के काम की समीक्षा के दौरान अधिकारियों ने विभाग को सौंपा है. विभाग ने एक टीम बनाकर कर […]
पटना : बिहार में ग्राउंड वाटर कम होने के साथ ही 30 हजार से अधिक वार्डों के पानी में फ्लोराइड, आर्सेनिक व आयरन की मात्रा प्रति वर्ष बढ़ रही है. यह आंकड़ा हर घर नल का जल के काम की समीक्षा के दौरान अधिकारियों ने विभाग को सौंपा है. विभाग ने एक टीम बनाकर कर वैसे वार्डों में भेजने का निर्णय किया है, जिन वार्डों में हाल के दिनों में रसायन की मात्रा बढ़ी है.
76 सब डिवीजनों में लगेगी पानी की जांच के लिए लैब : 76 सब डिवीजनों में पानी की जांच के लिए लैब बनेगी. जहां पीएचइडी हर छह माह पर पानी की जांच करेगा़ इस दिशा में काम शुरू हो गया है और अगले वर्ष मार्च तक लैब के निर्माण को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
पानी की शुद्धता के लिए लगेंगे ट्रीटमेंट प्लांट एक नजर में
आर्सेनिक फ्लोराइड आयरन
2006 700 वार्ड 1100 वार्ड 9000 वार्ड
2011 1600 वार्ड 3100 वार्ड 15000 वार्ड
2019 5085 वार्ड 3814 वार्ड 21,598 वार्ड
रसायनयुक्त पानी वाले जिलों के नाम
आर्सेनिक
बक्सर, भोजपुर, पटना, वैशाली, सारण, समस्तीपुर, दरभंगा, भागलपुर, मुंगेर, लखीसराय, बेगूसराय, खगड़िया, कटिहार, सीतामढ़ी.
फ्लोराइड
नालंदा, सासाराम, कैमूर, औरंगाबाद, गया, नवादा, भागलपुर,
मुंगेर, बांका, शेखपुरा.
आर्सेनिक
बक्सर, भोजपुर, पटना, वैशाली, सारण, समस्तीपुर, दरभंगा, भागलपुर, मुंगेर, लखीसराय, बेगूसराय, खगड़िया, कटिहार, सीतामढ़ी.
आयरन
बेगूसराय, खगड़िया, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, कटिहार, पूर्णिया, अररिया, किशनगंज.