11 जून से वे ट्वीटर से भी गायब थे
पटना : बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने ट्वीट के जरिये शनिवार को अपनी मौजूदगी का अहसास कराया. वे पिछले एक माह से अज्ञातवास पर थे. पिछले 11 जून से वे ट्वीटर से भी गायब थे. ट्वीटर के जरिये अपनी गैरमौजूदगी पर उन्होंने कहा कि उनकी तबीयत ठीक नहीं थी.
वे अपना इलाज करा रहे थे. इस ट्वीट के बाद अब संभावना जतायी जा रही है कि एकाध दिन में वे पटना पहुंच जायेंगे. तेजस्वी पिछले 29 मई से पटना से बाहर हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि वे जल्द आ रहे हैं.
करा रहा था इलाज : तेजस्वी
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कई ट्वीट कर अपनी मौजूदजी का अहसास कराया. लालू प्रसाद के जन्मदिन पर उन्होंने 11 जून को ट्वीट किया था. उसके बाद से उनका ट्वीटर हैंडल भी खामोश था. राजद नेताओं को भी पता नहीं था कि वो कहां है.
शुक्रवार को विधानसभा का मॉ़नसून सत्र शुरू हुआ तो लोगों का निगाहें तेजस्वी को खोज रही थी. उनके नहीं रहने से राजद विधायक दल की बैठक भी नहीं हो पा रही है. वे कब पटना लौटेंगे, इस उहापोह के बीच शनिवार को तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि वे पिछले कुछ हफ्तों से मैं अपनी लिगामेंट व एसीएल की चोट से परेशान थे और उसी के इलाज में व्यस्त थे.
हम यहां हैं और हमेशा आपके साथ हैं
मैं राजनीतिक विरोधियों के साथ-साथ मसालेदार कहानियों को पकाने वाले मीडिया की कहानियों को सुनने व जानने के लिए उत्सुक हूं और जल्द ही आ रहा हूं. तेजस्वी ने लिखा कि लोकसभा में मिली हार से हमने सीख ली है और अब हम नये सिरे से अपनी शुरुआत करेंगे.
उन्होंने लिखा है कि हम उन लोगों के प्रति जवाबदेह हैं, जो हममें एक समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और सामाजिक न्याय के विकल्प की तलाश के तौर पर देखते हैं. मैं उन सभी लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि हम यहां हैं और हमेशा आपके साथ हैं. हाल के घटनाक्रम ने मुझे एक अलग तरीके से चीजों का अध्ययन, छानबीन, विश्लेषण व मूल्यांकन करने में मदद की है. नेता प्रतिपक्ष ने एइएस से बच्चों की हुई मौत पर भी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा. एइएस के कारण सैकड़ों गरीब बच्चों की असामयिक हानि पर लगातार मेरी नजर बनी हुई थी. इस दुखद क्षण में पार्टी के कार्यकर्ताओं, नेताओं से प्रभावित परिवारों का दौरा करने को कहा और राजद के सांसदों को संसद में सवाल उठाने को कहा. जिसके बाद ही पीएम ने जवाब दिया.
मेरे प्रिय बिहार मैं यहीं हूं. उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा है कि जब से राजद का जन्म हुआ है तब से गरीब लोगों का संघर्ष इसके केंद्र में रहा है और सिर्फ चुनाव में हार की वजह से यह खत्म नहीं हो सकता. मैं अपने कैडर को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम गरीबों के हक के लिए लड़ते रहेंगे.