पटना : प्रधान सचिव ने कहा, चमकी पीड़ित बच्चों के लिए दवाओं की गुणवत्ता की होगी जांच
पटना : स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों को दी जाने वाली दवाओं के बारे में शिकायतों की जांच करायी जा रही है. दवाओं की गुणवत्ता के बारे में औषधि विभाग के अधिकारियों ने सोमवार की शाम सैंपल रिपोर्ट दी थी. प्रधान […]
पटना : स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों को दी जाने वाली दवाओं के बारे में शिकायतों की जांच करायी जा रही है.
दवाओं की गुणवत्ता के बारे में औषधि विभाग के अधिकारियों ने सोमवार की शाम सैंपल रिपोर्ट दी थी. प्रधान सचिव ने कहा कि दवाओं की जांच के लिए उन्हें कोलकाता और पुणे स्थित लैब भेजा गया है. रिपोर्ट आने पर पता चलेगा कि दवाएं एक्सपायर्ड थीं या नहीं. फिलहाल उन चारों दवाओं के उपयोग पर रोक लगा दी गयी है.
उसी ग्रुप की दूसरी दवाएं एसकेएमसीएच भेजी गयी हैं. इधर, एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ एसके शाही ने कहा कि पेंटापाराजोन, ओमीपाराजोन, सेफाक्सिन एसिड और वेक्लोफिमस नामक चार दवाओं की आपूर्ति हुई थी. ये पुरानी दवाएं हैं. शक होने पर उन्हें जांच के लिए पटना भेजा गया है. इसकी रिपोर्ट प्रधान सचिव को भी भेजी गयी है. जांच के बाद ही कहा जा सकेगा कि चारों दवाएं नकली हैं या सही. अभी जो दवाएं आपूर्ति की गयी हैं, उन्हें उपयोग में नहीं लाया गया है. दवाएं स्टॉक में रखी गयी हैं.
हाइकोर्ट ने एक्सपायर्ड दवा पर आपराधिक मामला दर्ज करने को कहा
विकास चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा की लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाइकोर्ट के न्यायाधीश ज्योति शरण और न्यायाधीश पार्थ सारथी ने सख्त रुख जाहिर करते हुए कहा कि अस्पतालों में एक्सपायर्ड दवाएं दी गयीं, तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किये जायेंगे.