पटना : बैंकिंग फ्रॉड से जुड़े एक देशव्यापी मामले में सीबीआइ ने गया शहर में 13 ठिकानों पर छापेमारी की. गया के व्यवसायी परिवार अखौरी बंधुओं के सभी ठिकानों और इस मामले में उनसे जुड़े कुछ करीबी लोगों के 13 महत्वपूर्ण ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गयी.
साथ ही एक दर्जन से ज्यादा लोगों से इस मामले में पूछताछ भी की गयी है. इनमें गया का एक चाटर्ड एकाउंटेंट बी प्रसाद भी शामिल हैं.
पूरी छापेमारी की केंद्रीयकृत मॉनीटरिंग नयी दिल्ली स्थित सीबीआइ मुख्यालय से की जा रही थी. छापेमारी की कार्रवाई सुबह शुरू हुई, जो देर शाम तक चली. बैंकिंग फ्रॉड से जुड़े इस राष्ट्रीय स्तर के मामले में पूरी गड़बड़ी एक हजार 114 करोड़ की है. लेकिन गया से जुड़े फ्रॉड के मामले में यह गड़बड़ी 157 करोड़ की है. बैंकों से पांच सितारा होटल बनाने के लिए ये रुपये कर्ज के रूप में लिये गये थे.
यह है गड़बड़ी का पूरा मामला
गया के व्यवसायी परिवार अखौरी बंधु के प्रमुख गोपाल अखौरी ने गया-डोभी रोड पर ‘आरण्य बुद्ध’ नाम से एक पांच सितारा होटल बनाने के लिए बैंकों से लोन उठाया. यह प्रोजेक्ट 153 करोड़ का था, जिनमें 85 करोड़ रुपये तीन-चार बैंकों से संयुक्त रूप से इसी संपत्ति पर लोन के रूप में लिये गये थे. 74 करोड़ मार्जिन मनी के तौर पर बाजार से या अपने स्तर पर इंतजाम करने की बात कही गयी थी. गोपाल अखौरी के पास पहले से गया में रामनंदी होटल एंड रिसॉर्ट मौजूद है. इसकी दो-तीन शाखाएं भी हैं.
पटना में बोरिंग रोड स्थित सेंट्रल बैंक की शाखा से लिया था 30 करोड़ का लोन
अखौरी बंधु ने पटना के बोरिंग रोड चौराहे के पास मौजूद लक्ष्मी कॉम्प्लेक्स स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की शाखा से मुख्य रूप से 30 करोड़ का लोन लिया था. इसके अलावा होटल के इसी प्रोजेक्ट पर पटना के इलाहाबाद बैंक की मुख्य शाखा से 25 करोड़ और गया की बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा से 30 करोड़ लोन लिया गया था. इस तरह से तीन बैंकों से होटल के एक प्रोजेक्ट पर 85 करोड़ रुपये का लोन लिया गया.
इसके बाद लोन की इस राशि में 58 करोड़ 74 लाख रुपये को रामानंदी होटल एंड रिसॉर्ट लिमिटेड के बैंक खाते के अलावा रामानंदी ऑटोमोबाइल्स प्राइवेट लिमिटेड, वंशीधर एंड संस, परीना मोटर्स और गोपाल अखौरी के निजी बैंक खातों में अलग-अलग राशि ट्रांसफर की गयी थी. लोन के रुपये का प्रोजेक्ट के एकाउंट से निकालकर निजी उपयोग के लिए खातों में ट्रांसफर कर दिया गया.
इसके अलावा 153 करोड़ के इस प्रोजेक्ट पर महज 38 करोड़ ही खर्च करके दिखाने के लिए कुछ निर्माण कार्य कराया गया और शेष रुपये इधर-उधर गलत तरीके से ट्रांसफर कर दिये गये. इसके बाद इस प्रोजेक्ट को ऐसे ही छोड़ दिया गया. इस तरह लोन की बड़ी राशि को प्रोजेक्ट के नाम पर उठाकर गड़बड़ी कर दी गयी. इस प्रोजेक्ट के लोन से संबंधित पूरी रिपोर्ट एक सीए की मदद से तैयार की गयी थी, जिसे भी सीबीआइ ने अपनी जांच के दायरे में लिया है.
इन स्थानों पर छापेमारी और इनसे पूछताछ
– रामानंदी होटल्स एंड रिसॉर्ट लिमिटेड, वंशी सदन, चांद चौरा, सिविल लाइन, गया
– गोपाल अखौरी, वंशी सदन, चांद चौरा (यह एक अन्य कंपनी वंशीधर एंड संस के भी मालिक हैं)
– संगीता अखौरी, वंशी सदन, चांद चौरा
– निशांत अखौरी, वंशी सदन, चांद चौरा
– नीतेश अखौरी (पिता- गोपाल अखौरी), वंशी सदन
– मेघना अखौरी, सेक्टर-100, टॉवर-1, फ्लैट नं-2, जिला- नोएडा (यूपी)
– नेहा अखौरी (पति- प्रणव कुमार), सी-95, सेक्टर-ए, महानगर, जिला- लखनऊ (यूपी)
– रामानंदी ऑटोमोबाइल्स प्राइवेट लिमिटेड, सिविल लाइन, गया
– परिना ऑटोमोबाइल्स प्राइवेट लिमिटेड, सिविल लाइन, गया
– रामानंदी मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड, सिविल लाइन, गया
– वंशीधर एंड सन्स, गया
– नवल ट्रेडर्स, सिविल लाइन्स (मालिक-नवल किशोर, शेयर होल्डर आनंदी होट्ल्स एंड रिसॉर्ट कंपनी)
– बी. प्रसाद, (सीए) जीबी रोड, प्लाजा मार्केट के सामने, गया. एक अन्य ठिकाना- 29, पेहानी, मानपुर, गया