पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदीनेट्वीट कर कहाहैकि राहुल गांधी को मनाने के लिए खून से चिट्ठी लिखने, धरना देने और आत्महत्या की धमकी देने जैसी इमोशनल नौटंकी के बाद कांग्रेस ने अंतत: उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया, लेकिन 132 साल पुरानी पार्टी महीने भर में भी नया अध्यक्ष नहीं चुन पायी. इस पद के लिए जिन नामों की चर्चा है, वे गांधी परिवार के समय-सिद्ध वफादार मोतीलाल वोरा और सुशील कुमार शिंदे जैसे लोग हैं. संकेत साफ है कि पार्टी का वास्तविक पावर सेंटर गांधी परिवार में ही रहेगा.उन्होंनेकहा, सोनिया गांधी ने जैसे रिमोट कंट्रोल से 10 साल तक यूपीए सरकार चलायी, वैसे ही पार्टी चलाने के लिए भी रोबोट खोज लिया जायेगा.
सुशील मोदी ने कहा कि राहुल गांधी ने लंबे त्यागपत्र में यह स्वीकार नहीं किया है कि देशद्रोह कानून समाप्त करने, ईमानदार प्रधानमंत्री को चोर कहने, तीन तलाक का विरोध करने और सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांग कर सेना का अपमान करने जैसी बड़ी नीतिगत गलतियों के कारण कांग्रेस हारी, बल्कि वे यह दिखाना चाहते हैं कि देश के मतदाताओं ने उनके साथ बुरा किया. राहुल अगर अपनी जिम्मेदारी लेने से ज्यादा मतदाताओं के विवेक पर सवाल उठा रहे हैं, तो यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है।
उपमुख्यमंत्रीने कहा कि कांग्रेस ने परिस्थितिवश अगर गांधी परिवार के बाहर से किसी योग्य व्यक्ति को कमान सौंपी, तो उसे पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंहा राव की तरह गांधी परिवार के वफादारों की ओर से आंतरिक चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा या सीताराम केसरी की तरह अपमानित होना पड़ेगा. नये अध्यक्ष के किस निर्णय को पावरफुल कार्यकर्ता राहुल गांधी कब फाड़ कर फेंक देंगे, कौन जानता है?