केंद्रीय विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 7000 पदों पर भर्ती का रास्ता साफ : सुशील मोदी

पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदीनेट्वीटकर कहाकि केंद्र सरकार ने विश्वविद्यालय को इकाई मानकर रिजर्वेशन देने संबंधी अध्यादेश को संसद से पारित करा लिया, जिससे दलितों-पिछड़ों को पूरा न्याय मिलेगा. इसके साथ ही केंद्रीय विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 7000 पदों पर भर्ती का रास्ता साफ हो गया. इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 4, 2019 10:44 PM

पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदीनेट्वीटकर कहाकि केंद्र सरकार ने विश्वविद्यालय को इकाई मानकर रिजर्वेशन देने संबंधी अध्यादेश को संसद से पारित करा लिया, जिससे दलितों-पिछड़ों को पूरा न्याय मिलेगा. इसके साथ ही केंद्रीय विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 7000 पदों पर भर्ती का रास्ता साफ हो गया. इस विधेयक की मंजूरी से एनडीए सरकार इलाहाबाद हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले को पलटने में कामयाब रही, जिसमें विभागवार रिजर्वेशन देने की बात कर दलित-पिछड़े वर्ग को न्याय से वंचित रखा गया था. सुशील मोदी ने कहा, सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने पर जो लोग सरकार की दमदार पैरवी और मंशा पर सवाल उठा कर दलितों को भड़का रहे थे, वे संसद में बिल पास होने पर चुप क्यों हो गए? केंद्रीय संस्थानों में सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री को बधाई.

अपनेएक अन्य ट्वीट में सुशील मोदी ने कहाकि जब कांग्रेस और राजद दोनों ही परिवारवादी दल हैं, तब कांग्रेस की यह अपेक्षा स्वाभाविक है कि लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेकर राहुल गांधी की तरह तेजस्वी प्रसाद यादव को भी अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए. हार के बाद 33 दिनों तक जनता के बीच अनुपलब्ध रहना, पांच दिन तक विधान सभा की कार्यवाही में शामिल न होना, पारिवारिक पावर वार के तनाव और बीमारी जैसी बातें उनके पद पर बने रहने के प्रतिकूल जाती हैं, लेकिन उनका अहंकार अब भी बोल रहा है. बात-बात पर दूसरों से इस्तीफा मांगने वालों को कभी खुद भी नजीर बनना चाहिए.

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