पटना : राजधानी में खुलेगा वाटर नाॅलेज केंद्र

पटना : जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा है कि राजधानी पटना में वॉटर नॉलेज केंद्र की स्थापना होगी. पांच बेसिनों 18 जलाशयों में हायड्रोमेट इंस्ट्यूमेंट स्थापित किये जायेंगे. बीस करोड़ से बाढ़ प्रबंधन सुधार केंद्र का उच्चीकरण होगा. जल के संरक्षण को मौर्यकाल में विकसित परंपरागत सिंचाई प्रणाली आहर-पइन सिंचाई प्रणाली को पुनर्जीवित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 6, 2019 4:38 AM

पटना : जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा है कि राजधानी पटना में वॉटर नॉलेज केंद्र की स्थापना होगी. पांच बेसिनों 18 जलाशयों में हायड्रोमेट इंस्ट्यूमेंट स्थापित किये जायेंगे. बीस करोड़ से बाढ़ प्रबंधन सुधार केंद्र का उच्चीकरण होगा. जल के संरक्षण को मौर्यकाल में विकसित परंपरागत सिंचाई प्रणाली आहर-पइन सिंचाई प्रणाली को पुनर्जीवित किया जायेगा.

अवशिष्ट जल के बेहतर उपयोग के लिए पटना में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित होंगे. विधान परिषद में जल संसाधन विभाग की मांग पर सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए मंत्री ने कहा कि बेउर, करमलीचक, सैदपुर, कंकडबाग, पहाड़ी एवं दीघा में उपयोग जल के ट्रीटमेंट को 307.84 करोड़ की योजना स्वीकृत की गयी है. डीपीआर तैयार की जा रही है. टाल विकास योजना में पटना, नालंदा, शेखपुरा, लखीसराय में 1.06 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फैले सात टालों के समूह से जल निकासी एवं जल उपयोग को 1892 करोड़ की डीपीआर तैयार कर किसानों से सुझाव मांगे गये हैं.
बाढ़ की समस्या के निदान को 3790 किमी तटबंध का निर्माण कराया है. संवेदनशील स्थान चिह्नित कर 208 बाढ़ सुरक्षात्मक योजनाओं काे स्वीकृति दी गयी है. तटबंध के प्रत्येक एक किमी पर एक होमगार्ड तैनात रहेगा. सप्तकोसी हाइडैम को लेकर केंद्र सरकार से डीपीआर में तेजी और बिहार से किसी प्रतिनिधि को सम्मिलित करने का अनुरोध किया गया है.
विधि, लघु एवं सिंचाई मंत्री नरेंद्र नरायण यादव ने बताया कि आहर-पइन पर अतिक्रमण करने वालों पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश डीएम को दिया गया है. चर्चा के दौरान राधाचरण शाह, दिलीप कुमार चौधरी और संजीव श्याम सिंह द्वारा उठाये गये मुद्दों पर मंत्री ने कहा कि सुझावों को कार्ययोजना में शामिल करने की कोशिश की जायेगी.

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