दानापुर : नप की मुख्य पार्षद के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज
दानापुर : छह दिनों की खींचतान के बाद शुक्रवार को आखिर दानापुर नगर पर्षद बोर्ड को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लग गाया. मुख्य पार्षद डाॅ अनु कुमारी अपनी कुर्सी बचाने में सफल रहीं. दिलचस्प बात तो यह है कि जिन वार्ड पार्षदों ने उनके विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया था. उन्हीं पार्षदों ने वोटिंग […]
दानापुर : छह दिनों की खींचतान के बाद शुक्रवार को आखिर दानापुर नगर पर्षद बोर्ड को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लग गाया. मुख्य पार्षद डाॅ अनु कुमारी अपनी कुर्सी बचाने में सफल रहीं. दिलचस्प बात तो यह है कि जिन वार्ड पार्षदों ने उनके विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया था.
उन्हीं पार्षदों ने वोटिंग में भाग नहीं लेकर उनकी कुर्सी को बरकरार रखा. शुक्रवार को 12 बजे से पर्षद कार्यालय के सभागार में कड़ी सुरक्षा के बीच अविश्वास विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और वोटिंग हुई. 40 पार्षदों में से 31 पार्षद ही बैठक में उपस्थित हुए.
इनमें 10 पार्षद वोटिंग करने से पहले निकल गये. मुख्य पार्षद व उपमुख्य पार्षद ने वोटिंग में भाग नहीं लिया. 19 पार्षदों में से अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 18 पार्षदों ने वोट किया , जबकि एक पार्षद ने विपक्ष में वोट किया . बताया जाता है कि 40 में से 21 पार्षद अगर अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोट करते तो मुख्य पार्षद का कुर्सी गिर जाती.
बैठक की अध्यक्षता उपमुख्य पार्षद राज किशोर सिंह यादव ने की. दंडाधिकारी सह पंचायती राज पदाधिकारी सुषमा कुमारी व डीसीएलआर रवि राकेश के नेतृत्व में अविश्वास प्रस्ताव के बैठक की कार्यवाही शुरू हुई. अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले वार्ड संख्या 22 के पार्षद राज कुमार यादव उर्फ राजू , 34 के पार्षद परमेश्वर राय ,31 के पार्षद गोपाल प्रसाद व 29 के पार्षद दीपक मेहता ने अपना पक्ष रखते हुए मुख्य पार्षद पर विकास कार्य में पक्षपात करने, पार्षदों को उचित सम्मान नहीं देने का आरोप लगाया.
इसका मुख्य पार्षद डॉ अनु कुमारी ने जवाब देते हुए गलत बताया. इसके बाद पार्षद दीपक कुमार ने अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराने की मांग रखी. कार्यपालक पदाधिकारी संजीव कुमार ने बताया कि अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 18 व विपक्ष में एक मत मिले हैं. उन्होंने बताया कि 40 में से 21 पार्षद अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोट करते तो मुख्य पार्षद की कुर्सी गिर जाती.