फुलवारीशरीफ : अब गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों का दर्द होगा कम
कार्यशाला में पेलिएटिव केयर के बारे में नर्सिंग स्टाफ को दिया गया टिप्स फुलवारीशरीफ : एम्स दिल्ली में पेलिएटिव केयर की विभागाध्यक्ष प्रो सुषमा भटनागर ने कहा कि पेलिएटिव केयर दर्द से कराह रहे मरीजों और उनके परिजनों को सुखद एहसास कराने के लिए यह पद्धति सबसे अधिक कारगर है. पटना एम्स में आयोजित कार्यशाला […]
कार्यशाला में पेलिएटिव केयर के बारे में नर्सिंग स्टाफ को दिया गया टिप्स
फुलवारीशरीफ : एम्स दिल्ली में पेलिएटिव केयर की विभागाध्यक्ष प्रो सुषमा भटनागर ने कहा कि पेलिएटिव केयर दर्द से कराह रहे मरीजों और उनके परिजनों को सुखद एहसास कराने के लिए यह पद्धति सबसे अधिक कारगर है.
पटना एम्स में आयोजित कार्यशाला में रविवार प्रो भटनागर ने कहा कि कैंसर, एड्स, पक्षाघात, हृदय संबंधी दिक्कत, गुर्दा फेल होने जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों के परिजनों को भी इलाज के लिए भटकना पड़ता है और पीड़ादायक स्थिति हो जाती है. इसी पीड़ा को कम करने के लिए पेलिएटिव पद्धति की शुरुआत हुई है. इसमें रोगियों के इलाज के साथ-साथ जीवन के प्रति उनके नजरिये को सकारात्मक बनाने के लिए भी योग, अध्यात्म, एवं उचित देखरेख का सहारा दिया जाता है.
पटना एम्स के एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष डाॅ उमेश कुमार भदानी ने कार्यशाला के उद्देश्य के बारे में कहा कि जीवन की अंतिम अवस्था में पहुंचे लाइलाज मरीजों की देखरेख के लिए स्वयंसेवक तैयार करना है और इलाज से जुड़े डाॅक्टरों ,नर्सें और स्वयंसेवकों को प्रशिक्षण देना है. उन्होंने कहा कि एक रोगी को दवाओं के साथ शारीरिक, मानसिक, सामाजिक व आर्थिक सहायता की जरूरत होती है, जो कि पेलिएटिव केयर कार्यक्रम का हिस्सा है.
उन्होंने कहा कि एक साथ तीन चिकित्सा संस्थानों में पेलिएटिव केयर की कार्यशाला संपन्न हुई. एम्स पटना में तीस नर्सिंग स्टाफ, आइजीआइएमस में 34 चिकित्सकों तथा महावीर कैंसर संस्थान में तीस स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किया गया. तीनों जगह भारतीय प्रशामक एसोसिएशन के सहयोग से किया गया. नर्सिंग फैकल्टी के रूप में एम्स दिल्ली से नीलिमा स्थानीय फैकल्टी में, डाॅ शगुफता, डाॅ राजेश, डाॅ रिचा, डाॅ निशांत, डाॅ चांदनी, डाॅ रीता रानी आदि ने हिस्सा लिया.