पटना : 15 अगस्त 2020 तक हर घर नल का जल का काम होगा पूरा : मुख्यमंत्री

सार्वजनिक तालाबों व कुओं की हुई पहचान, होगा कायाकल्प पटना : सीएम नीतीश कुमार ने बताया कि सात निश्चय के तहत हर घर नल का जल योजना का काम 15 अगस्त, 2020 के पहले पूरा कर लिया जायेगा. सात निश्चय की योजनाओं के पूरा होने के बाद सरकार फिर से अन्य कार्यों को इसमें लेगी. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 9, 2019 7:15 AM
सार्वजनिक तालाबों व कुओं की हुई पहचान, होगा कायाकल्प
पटना : सीएम नीतीश कुमार ने बताया कि सात निश्चय के तहत हर घर नल का जल योजना का काम 15 अगस्त, 2020 के पहले पूरा कर लिया जायेगा.
सात निश्चय की योजनाओं के पूरा होने के बाद सरकार फिर से अन्य कार्यों को इसमें लेगी. उन्होंने बताया कि राज्य में सार्वजनिक तालाबों व कुओं को चिह्नित कर लिया गया है. यह काम निगरानी ब्यूरो से कराया गया है. इसकी रिपोर्ट तैयार हो गयी है. अब इनका जीर्णोद्धार किया जायेगा. मुख्यमंत्री ने सोमवार को विधानसभा स्थित अपने कार्यालय कक्ष में बताया कि जलसंकट को लेकर 27 जुलाई को फिर समीक्षा की जायेगी. इसके पहले विधानसभा में 13 जुलाई को विशेष चर्चा होगी.
अदालतगंज तालाब की सतह के पक्कीकरण का कोई मतलब नहीं : मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना के अदालतगंज तालाब के सतह को पत्थरों से पाटने को लेकर उन्होंने मुख्य सचिव दीपक कुमार को निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि तालाब की सतह को पक्का करने का कोई मतलब ही नहीं है. उन्होंने मुख्य सचिव को नगर विकास एवं आवास विभाग से इसकी विस्तृत जानकारी लेने का निर्देश दिया.
बेली रोड अब नेहरू पथ : मुख्यमंत्री ने बताया कि पटना में बेली रोड नहीं, जवाहर लाल नेहरू पथ है. लोगों को पथों का नाम सरलता से याद रखने के लिए सभी पथों के नाम दो शब्दों पर करने का निर्देश उन्होंने पदाधिकारियों को दिया है. उन्होंने बताया कि जवाहर लाल नेहरू पथ का नाम अब सिर्फ नेहरू पथ होगा. इसे जल्द ही कैबिनेट में लाया जायेगा.
जलसंकट को लेकर 27 को फिर समीक्षा
75 फीसदी कब्रिस्तानों की घेराबंदी पूरी, शेष की जल्द
मुख्यमंत्री ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि राज्य में चयनित कब्रिस्तानों में 75 प्रतिशत घेराबंदी का कार्य पूरा हो चुका है. शेष कब्रिस्तानों की घेराबंदी का जल्द पूरा करने का निर्देश दिया गया है.
पटना : सरकार के नियंत्रण में होनी चाहिए रेल
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि भारतीय रेल राष्ट्रीय एकता की प्रतीक है. भारत की स्वतंत्रता आंदोलन में रेल ने देश को एकीकृत किया था. इसका नियंत्रण सरकार के अधीन होना चाहिए.
इसमें बाहरी निवेश कराया जा सकता है, पर नियंत्रण सरकार का होना चाहिए. सरकार द्वारा कई विभागों में आउटसोर्सिंग एजेंसियों की सेवा ले रही है. विधानसभा के अपने कार्यालय कक्ष में मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि रेल मंत्री के रूप में इस विभाग को उनको भी देखने का मौका मिला है.
अंग्रेजों ने भले ही अपने फायदे के लिए रेल का नेटवर्क खड़ा किया. लेकिन, देश के एक छोर के आदमी को दूसरे क्षेत्र से संपर्क कराने में रेल की ही भूमिका रही है. उन्होंने बताया कि उनके कार्यकाल जब निगमों को बंद करने प्रक्रिया चल रही थी, तो उन्होंने रेल में दो नये निगमों का गठन किया था. पहला था आइआरसीटी और दूसरा था रेल विकास निगम. इन दोनों का खास मकसद था.

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