पटना : 10 साल में कबाड़ हो गया 1.32 करोड़ का स्टीमर
सुबोध कुमार नंदन मरम्मत के लिए कई बार टेंडर, अब पीपीपी मोड पर देने की तैयारी पटना : वर्ष 2009 में लगभग 1.32 करोड़ में बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम की ओर से खरीदा गया 80 सीटर स्टीमर (एमवी गंगा विहार) 10 साल में ही कबाड़ हो गया. पिछले दो साल से यह स्टीमर तकनीकी […]
सुबोध कुमार नंदन
मरम्मत के लिए कई बार टेंडर, अब पीपीपी मोड पर देने की तैयारी
पटना : वर्ष 2009 में लगभग 1.32 करोड़ में बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम की ओर से खरीदा गया 80 सीटर स्टीमर (एमवी गंगा विहार) 10 साल में ही कबाड़ हो गया. पिछले दो साल से यह स्टीमर तकनीकी खराबी के कारण गांधी घाट के किनारे खड़ा है. इस बीच कई बार मरम्मत के लिए टेंडर हुआ. लेकिन, कोई कंपनी आगे नहीं आयी.
अब इसे पीपी मोड पर चलाने की तैयारी चल रही है. लगभग आठ साल चलनेे के बाद वर्ष 2016 में इंजन में आयी खराबी को दूर करने की गंभीरता पिछले तीन साल से नहीं दिख रही. मरम्मत के लिए चार बार टेंडर निकाला गया, लेकिन किसी कंपनी ने रुचि नहीं दिखायी. पर्यटन निगम अब इस प्रोजेक्ट को किसी निजी कंपनी को सौंपना चाहती है. 14 जनवरी, 2017 को नाव हादसे के बाद स्टीमर के परिचालन पर लगे प्रतिबंध के बाद से आज तक इसका परिचालन नहीं हो पाया है.
पांच वर्ष में करनी थी मरम्मत
80 सीटर स्टीमर को कोलकाता की कंपनी पीपुल्स इंजीनियरिंग से खरीदा गया था. खरीद के पांच साल बाद इसे पानी से बाहर निकाल कर मरम्मत करना था. लेकिन, पर्यटन निगम के उदासीनता के कारण मरम्मत नहीं हुआ. पहले स्टीमर के एक इंजन में खराबी आने पर दूसरे इंजन के सहारे इसे कुछ माह तक चलाया गया. इस बीच पर्यटन विकास निगम में पांच एमडी बदले. लेकिन, किसी ने रुचि नहीं ली.
गांधी सेतु तक चलता था स्टीमर
गंगा की अविरल धाराओं के बीच यह स्टीमर
हर दिन गांधी घाट से निकल कर काली घाट होते हुए महात्मा गांधी सेतु तक जाता और फिर गांधी घाट पर वापस आता है. इसमें लगभग 240 पर्यटकों के बुकिंग की व्यवस्था है. जल पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सीएम नीतीश कुमार ने 21 जुलाई, 2009 को इसका उद्घाटन किया था. 15 जनवरी, 2010 को इस स्टीमर में कैबिनेट की बैठक भी हुई.
एमवी विहार को पीपी मोड पर संचालन का निर्णय लिया गया है. इसके लिए आरएफपी भी प्रकाशित हो चुकी है. इसके बाद कंपनी का चयन किया जायेगा. उम्मीद है कि कुछ माह में एमवी विहार का परिचालन शुरू हो जाये.
आंनद शर्मा, प्रबंध निदेशक, बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम