आईआरसीटीसी घोटाला : तेजस्वी की याचिका पर आदेश सुरक्षित, 23 को आयेगा फैसला
नयी दिल्ली/पटना : आईआरसीटीसी होटल आवंटनघोटाला मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे एवं बिहार केपूर्व उपमुख्यमंत्रीमंगलवारको कोर्ट में पेश हुए. तेजस्वी यादव की अर्जी पर पटियाला हाउस कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट अब इस पर 23 जुलाई को फैसला सुनाएगा. कोर्ट उस दिन अपने फैसले में यह तय […]
नयी दिल्ली/पटना : आईआरसीटीसी होटल आवंटनघोटाला मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे एवं बिहार केपूर्व उपमुख्यमंत्रीमंगलवारको कोर्ट में पेश हुए. तेजस्वी यादव की अर्जी पर पटियाला हाउस कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट अब इस पर 23 जुलाई को फैसला सुनाएगा. कोर्ट उस दिन अपने फैसले में यह तय करेगा कि जब तक सीबीआई के दाखिल मामले में आरोप तय नहीं हो जाते तब तक ईडी के मामले में आरोप तय हो सकते हैं या नहीं. गौर हो कि ईडी ने यह केस सीबीआई की एफआईआर पर दर्ज किया था.
बता दें कि आईआरसीटीसीमामले में सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में चल रहे ट्रायल पर कोर्ट ने रोक लगा रखी है. इस मामले में सीबीआई और ईडी, दोनों एजेंसियां अलग-अलग जांच कर रही हैं. इसमामले में लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव समेत कई आरोपी हैं. कोर्ट से इन लोगों को फिलहाल जमानत मिली हुई है. मंगलवार को बिहार की पूर्व सीएम और इस मामले में आरोपी राबड़ी देवी को भी कोर्ट में पेश होना था, लेकिन तबीयत खराब होने की वजह से वह पेश नहीं हो सकीं.
बता दें कि दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में 25 अगस्त 2018 को ईडी ने पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पीसी गुप्ता, सरला गुप्ता समेत कुल 16 लोगों के खिलाफ आईआरसीटीसी घोटाले में चार्जशीट दायर किया था. ईडी ने आरोप लगाया कि लालू प्रसाद यादव समेत आईआरसीटीसी के अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग किया. ईडी ने अपनी चार्जशीट में कहा कि रेलमंत्री रहने के दौरान लालू यादवने नियमों को ताक पर रखकर पुरी और रांची के दो आईआरसीटीसी के होटलों को पीसी गुप्ता की कंपनी को दे दिया.
चार्जशीट में कहा गया कि रांची और पुरी के उन दोनों होटलों को लेने के एवज में लालू की पत्नी राबड़ी देवी और बेटा तेजस्वी यादव के नाम पर पीसी गुप्ता की कंपनी के शेयर ट्रांसफर किये गये. बता दें कि यह तेजस्वी के खिलाफ भ्रष्टाचार से जुड़ा यह पहला मामला था, जिसमें तेजस्वी को आरोपी बनाया गया था.