पटना : आज विश्व जनसंख्या दिवस है. आज हम बात कर रहे हैं, बिहार की जनसंख्या की. बिहार की जनसंख्या में उत्तरोत्तर वृद्धि तो होगी, साथ ही धीरे-धीरे वर्ष-दर-वर्ष हमारा बिहार युवा होता जायेगा. यानी, बिहार में वर्ष 2011 की जनगणना के अनुपात में वर्ष 2021 से 2041 तक युवाओं की संख्या में भारी बढ़ोतरी दर्ज किये जाने की संभावना है. इस दौरान बिहार में वृद्धों की संख्या भी बिहार में बढ़ेगी. यही नहीं,इकोनॉमिक सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार की जनसंख्या राष्ट्रीय जनसंख्या वृद्धि दर से अधिक होने की संभावना है.
भारत में वर्ष 1971-81 के दौरान 2.5 प्रतिशत की जनसंख्या वृद्धि दर के मुकाबले वर्ष 2011-16 के दौरान 1.3 प्रतिशत अनुमानित रही. वहीं, बिहार में वर्ष 2011-16 के दौरान जनसंख्या वृद्धि दर करीब 1.82 प्रतिशत रही. बिहार में जनसंख्या वृद्धि दर का प्रतिशत पूरे देश में सबसे ज्यादा दर्ज किया गया है. राष्ट्रीय स्तर पर जनसंख्या रुझान प्रजनन, मृत्यु दर, आयु-संरचना और कुछ राज्यों में पहले से बढ़ती उम्र की घटनाओं पर निर्भर करता है.
बिहार में संपूर्ण प्रजनन दर (टोटल फर्टिलिटी रेट) में वर्ष 2001 के बाद से क्रमश: गिरावट दर्ज की जा रही है. वर्ष 2001 में जहां बिहार में 4.4, वर्ष 2011 में 3.6, वर्ष 2016 में 3.3 प्रतिशत दर्ज किया गया. वहीं, वर्ष 2021 में 2.5, वर्ष 2031 तक 2.0 और वर्ष 2041 तक 1.8 प्रतिशत हो जाने का अनुमान किया गया है.
बिहार में वार्षिक वृद्धि दर जहां वर्ष 2001 से 2010 के दौरान 2.54 थी, वहीं वर्ष 2011 से 2021 तक वार्षिक वृद्धि दर 1.82 रहने का अनुमान लगाया गया है. जबकि, वर्ष 2021 से 2031 तक 1.34 और वर्ष 2031 से 2041 तक एक फीसदी रहने की संभावना जतायी गयी है. इसके बावजूद, बिहार की जनसंख्या में लगातार वृद्धि दर्ज किये जाने के साथ पूरे देश में सबसे तेज वृद्धि होने की संभावना जतायी जा रही है. वर्ष 2011 में जहां बिहार की जनसंख्या 10.41 करोड़ थी, वहीं वर्ष 2016 में बिहार की जनसंख्या बढ़ कर 11.38 करोड़ होने का अनुमान लगाया गया है. साथ ही वर्ष 2021 में बिहार की जनसंख्या 12.30 करोड़, वर्ष 2031 में 13.95 करोड़ और वर्ष 2041 तक 15.34 करोड़ हो जाने का अनुमान लगाया गया है. बिहार की वर्ष 2011 से वर्ष 2041 तक जनसंख्या वृद्धि का औसतन प्रतिशत करीब 24.7 रहने का अनुमान लगाया गया है. अगर ऐसा होता है, तो यह पूरे देश में सबसे अधिक होगा. दूसरे नंबर पर बिहार से अलग हुए राज्य झारखंड होगा, जिसका वर्ष 2011 से वर्ष 2041 तक जनसंख्या वृद्धि प्रतिशत औसतन 18.8 रहने की संभावना जतायी जा रही है. पूरे देश में सबसे कम औसतन वृद्धि प्रतिशत तमिलनाडु का रहने का अनुमान लगाया गया है, जो करीब दो फीसदी ही होगा.
बच्चों के प्रतिशत में कमी और युवा-वृद्ध की बढ़ेगी जनसंख्या
बिहार में क्रमश: शून्य से 19 वर्ष तक के बच्चों की संख्या में कमी दर्ज किये जाने की संभावना है. लेकिन, वहीं युवाओं और वृद्धों की संख्या में उत्तरोत्तर वृद्धि होने की संभावना जतायी जा रही है. वर्ष 2011 में जहां शून्य से 19 वर्ष तक के बच्चों का कुल जनसंख्या का 49.4 प्रतिशत था, वहीं वर्ष 2021 में इस उम्र के बच्चों की संख्या में कमी दर्ज किये जाने की संभावना है. वर्ष 2021 में शून्य से 19 वर्ष तक के बच्चों की संख्या 43.5, वर्ष 2031 में 35.1 और वर्ष 2041 में 30.1 फीसदी कुल जनसंख्या का रहने का अनुमान है. वहीं, युवाओं की संख्या में बढ़ोतरी की संभावना जतायी गयी है. वर्ष 2011 में युवाओं का प्रतिशत कुल जनसंख्या का जहां 43.2 फीसदी था, वर्ष 2021 में यह बढ़ कर 48.9 फीसदी, वर्ष 2031 में 55.9 फीसदी और वर्ष 2041 में बढ़ कर 58.3 फीसदी रहने की संभावना जतायी जा रही है. साथ ही 60 साल से ऊपर यानी वृद्ध की संख्या भी बिहार में बढ़ने की संभावना जतायी गयी है. वर्ष 2011 में कुल जनसंख्या का 7.4 प्रतिशत वृद्ध थे. जबकि, वर्ष 2021 में 7.7, वर्ष 2031 में 9.1 और वर्ष 2041 में 11.6 फीसदी रहने का अनुमान है. वर्ष 2041 तक पूरे देश में सबसे कम वृद्ध बिहार में रह जायेंगे.
आंकड़ों में बात करें तो बिहार में शून्य से 19 वर्ष तक के बच्चों की संख्या वर्ष 2011 में 5.14 करोड़ था. वहीं, वर्ष 2021 में 5.35 करोड़, वर्ष 2031 में 4.89 करोड़ और वर्ष 2041 में 4.62 करोड़ होने की संभावना जतायी गयी है. जबकि, 19 वर्ष से 59 साल के युवाओं-प्रौढ़ों की संख्या वर्ष 2011 में जहां चार करोड़ थी, जो वर्ष 2021 में बढ़ कर 6.01 करोड़ हो जायेगी. साथ ही वर्ष 2031 में 7.79 करोड़ और वर्ष 2041 में 8.94 करोड़ होने की संभावना है. 60 साल से ऊपर यानी वृद्धों की संख्या में भी उत्तरोत्तर वृद्धि की संभावना है. वर्ष 2011 में वृद्धों की संख्या जहां 77 लाख थी, वर्ष 2021 में बढ़ कर 94 लाख होने की संभावना है. वहीं, वर्ष 2031 तक बढ़ कर 1.27 करोड़ और वर्ष 2041 तक बढ़ कर 1.78 करोड़ होने की संभावना है.
पांच से 14 वर्ष की उम्र के बच्चों में भी क्रमश: कमी दर्ज किये जाने की संभावना है. वर्ष 2011 में पांच से 14 वर्ष की उम्र के बच्चों की संख्या जहां 2.907 करोड़ थी, जो वर्ष 2016 तक घट कर 2.825 करोड़ हो गयी. वहीं, वर्ष 2021 तक घट कर 2.695 करोड़, वर्ष 2031 तक घट कर 2.446 करोड़ और वर्ष 2041 तक घट कर 2.310 करोड़ हो जाने की संभावना है. वर्ष 2011 से 2041 तक क्रमश: 14.28 प्रतिशत वार्षिक गिरावट दर्ज की जा रही है.