पटना : केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने देश में आजादी के बाद से ‘‘जनसंख्या विस्फोट’ पर गुरुवार को चिंता जाहिर की और जिन लोगों के दो से अधिक बच्चे हैं उन्हें मताधिकार से वंचित किये जाने की वकालत की. विवादास्पद बयानबाजी करने को लेकर चर्चा में रहने वाले बिहार के भाजपा नेता ने विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर ट्विटर पर एक ग्राफिक साझा किया है जिसमें दिखाया गया है कि 1947 से 2019 के बीच भारत की जनसंख्या में 366 फीसदी की वृद्धि हुई है जबकि इस अवधि में अमेरिका की आबादी में सिर्फ 113 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
केंद्रीय पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य पालन मंत्री ने ट्विटर पर हिंदी में लिखा है, ‘‘हिंदुस्तान में जनसंख्या विस्फोट अर्थव्यवस्था सामाजिक समरसता और संसाधन का संतुलन बिगाड़ रहा है। जनसंख्या नियंत्रण पर धार्मिक व्यवधान भी एक कारण है.’ कई दक्षिणपंथी नेता देश में जनसंख्या में जबर्दस्त वृद्धि के लिए मुस्लिम समुदाय पर दोषारोपण करते रहे हैं. इसे खतरनाक बताते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा, ‘‘हिंदुस्तान 1947 की तर्ज पर ‘सांस्कृतिक विभाजन’ की ओर बढ़ रहा है. सभी राजनीतिक दलों को साथ हो जनसंख्या नियंत्रण क़ानून के लिए आगे आना होगा.’
बाद में मंत्री ने दिल्ली के कुछ समाचार चैनलों से बातचीत में कहा कि जनसंख्या विस्फोट को रोकने के लिए सख्त कदम उठाना होगा. भाजपा नेता के इस विचार से प्रदेश में राजद और कांग्रेस ने असहमति जतायी और इसे खारिज कर दिया. राजद के बिहार प्रदेश प्रमुख रामचंद्र पूर्वे ने सिंह के बयान को ओछी राजनीति का उदाहरण बताया क्योंकि इससे लगता है कि वह जनसंख्या में बढ़ोतरी के लिए अल्पसंख्यक समुदाय पर आरोप लगा रहे हैं.
दूसरी ओर कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेम चंद्र मिश्र ने कहा कि केंद्रीय मंत्री के पास इस तरह के विचार कहां से आते हैं? क्या वह संविधान में किसी प्रावधान को बता सकते हैं जिसके तहत खास संख्या से अधिक बच्चे होने के कारण किसी व्यक्ति को मताधिकार से वंचित किया जा सकता है. मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाकर टिप्पणी करके सिंह अक्सर विवाद पैदा करते रहे हैं.