शोर-शराबे व हंगामे के बीच सेविका व सहायिका का चयन

मसौढ़ी : पुनपुन प्रखंड की वरावां पंचायत स्थित शेखपुरा गांव के वार्ड नंबर -13 के लिए सेविका – सहायिका का चयन शोर- शराबे व हंगामे के बीच शुक्रवार को हुआ . हालांकि इस दौरान दो पक्षों के बीच कुछ देर के लिए तनाव का माहौल उत्पन्न हो गया था, लेकिन एक पक्ष के दर्जनों समर्थकों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 13, 2019 3:44 AM

मसौढ़ी : पुनपुन प्रखंड की वरावां पंचायत स्थित शेखपुरा गांव के वार्ड नंबर -13 के लिए सेविका – सहायिका का चयन शोर- शराबे व हंगामे के बीच शुक्रवार को हुआ . हालांकि इस दौरान दो पक्षों के बीच कुछ देर के लिए तनाव का माहौल उत्पन्न हो गया था, लेकिन एक पक्ष के दर्जनों समर्थकों द्वारा चयन प्रक्रिया में मौजूद पर्यवेक्षिका ममता कुमारी को चयन प्रक्रिया पूरी करने व कोई भी समस्या उत्पन्न नहीं होने देने के आश्वासन के बाद चयन प्रक्रिया पूरी हुई.

पर्यवेक्षिका ने सेविका के लिए सुनिता कुमारी व सहायिका के लिए सुनिता की गोतनी के चयन की घोषणा की .इधर, सेविका के लिए अन्य दो उम्मीदवारों क्रमशः रूपा देवी व बिमला कुमारी ने पर्यवेक्षिका पर पैसे लेकर चयन करने का आरोप लगाया है.
साथ ही उन्होंने बताया कि एक ही घर से दो लोगों का सेविका व सहायिका के लिए चयन कर लिया गया है. आरोप है कि सेविका के लिए चयनित सुनिता कुमारी का ससुराल शेखपुरा है, जबकि उसके द्वारा दिया गया जाति प्रमाणपत्र में मायके भी शेखपुरा दर्शाया गया है.
उनका आरोप था कि इसी मुद्धे को लेकर बीते पांच जुलाई को चयन के लिए बुलायी गयी आमसभा को रद्द कर दिया गया था .उस दिन पर्यवेक्षिका ममता कुमारी ने भी इसे गलत करार दिया गया था, लेकिन शुक्रवार को पर्यवेक्षिका ने सब कुछ जानते हुए चयन की प्रक्रिया पूरी कर दी.
सेविका चयन में धांधली का आरोप लगा हंगामा
मोकामा घोसवरी प्रखंड की कुर्मीचक पंचायत वार्ड संख्या 10 में आंगनबाड़ी सेविका चयन के दौरान जमकर हंगामा हुआ. लोग सेविका चयन में धांधली का आरोप लगा रहे थे. पर्यवेक्षिका ने नियम के अनुकूल चयन की बात कही. इससे ग्रामीण और आक्रोशित हो गये.
यह देखकर चयन करने गयी टीम कोरम पूरा किये बिना वापस लौटने गयी. तब ग्रामीणों ने काफी देर तक पर्यवेक्षिका का रास्ता रोककर रखा. बाद में जनप्रतिनिधियों ने इस मामले में सीडीपीओ से मोबाइल पर बात की. वहीं मामले की जांच कर निष्पक्ष चयन का आश्वासन दिया गया. तब जाकर मामला शांत हुआ. आरोप लग रहा है कि नियम को ताक पर रखकर सेविका का चयन किया जा रहा है.

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