पटना : बिहार में गहराते बाढ़ के संकट के बीचइसमुद्दे को लेकर सूबे मेंसियासीपाराचढ़नेलगा है. एकओर रविवार को जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नेबाढ़के मद्देनजर राहत व बचाव को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक कीऔर बाढ़ के हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री ने कई महत्वपूर्ण निर्देश दिये है. वहीं दूसरी मुख्य विपक्षी दल राजद ने बाढ़ के हालात को लेकर नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा है.
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर नीतीश कुमार से सवाल पूछा है.
राजद कार्यकर्ताओं से आग्रह है कि अपने-अपने जिले में बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाने में यथासंभव मदद करें। प्रशासन से संपर्क स्थापित कर समस्याओं का निराकरण एवं उचित सुविधा मुहैया कराने में सहयोग करे।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 14, 2019
नीतीश सरकार असम्भव हवाई सर्वेक्षणों की सरकार है!
ऐसी उन्नत तकनीक NASA के पास भी नहीं!
CM चमकी बुखार, लू का हवाई सर्वेक्षण करते हैं तो मंत्री सूखाग्रस्त क्षेत्रों में अदृश्य बाढ़ से निपटने की तैयारियों का हवाई सर्वेक्षण करते हैं!
धरातल की वास्तविक पीड़ा से कोई सरोकार नहीं!
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 14, 2019
बाढ़ की विभीषिका से निपटने के सरकारी दावों की कलई पहले हफ्ते ही खुल गई!
दावे अपनी जगह है और "सुशासन" के दीमकों की कमाई अपनी जगह!
हर वर्ष बाढ़ राहत व बचाव, तटबंध निर्माण, पुनर्वास के नाम पर अरबों के घालमेल व बंदरबांट "सुशासन" की पहचान जो है!
CM अब प्रकृति को दोषी ठहराएँगे।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 14, 2019
बिहार के 15 जिले बाढ़ की चपेट में हैं! उत्तर बिहार की नदियाँ खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं! जान, माल, फसल, मवेशी का लगातार नुकसान हो रहा है!
पर आत्ममुग्ध सरकार व बेपरवाह प्रशासन मदमस्त है! आम जनजीवन अस्त-व्यस्त होने की इन्हें क्यों चिंता होगी? आख़िर दोष प्रकृति को जो देना है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 14, 2019
वहींतेजस्वी यादव के इस मुहिम में उनकी मां और पूर्व सीएम राबड़ी देवी भी साथ आईं और ट्वीट कर नीतीश सरकार पर हमला बोला है.
नीतीश सरकार ने 14 वर्षों के शासन के बाद भी बाढ़ की वार्षिक विभीषिका से सदा के लिए निपटान हेतु क्या दूरगामी क़दम उठाए?
अबतक कितने लाख करोड़ ख़र्च किए?
जितना धन हर वर्ष राहत,बचाव,पुनर्वास व तटबंध निर्माण रखरखाव के नाम पर लूट लिए जाते हैं उतने में सदा के लिए समस्या का हल हो जाता।
— Rabri Devi (@RabriDeviRJD) July 14, 2019
उत्तर बिहार की अधिकतर नदियां खतरे के निशान को पार कर गयी हैं लेकिन सरकार राहत और बचाव की जगह प्रकृति और चूहों को दोष देने की कार्य योजना पर काम कर रही है।
जनता की इन्हें कोई फ़िक्र नहीं है। हर परिस्थिति में इन्हें बाढ़ के नाम पर बंदरबाँट करनी है। जनता त्राहिमाम कर रही है।
— Rabri Devi (@RabriDeviRJD) July 14, 2019