पटना : लूट के पैसे को लड़कियों पर खर्च करता था मिराज

मोबाइल फोन में मिले गर्ल्स हॉस्टल की रहने वाली कई लड़कियों के नंबर व फोटो पटना : मिराज के संबंधों को जांच रही पटना पुलिस को लगातार में नयी-नयी जानकारियां को मिल रही है. मिराज अय्याश किस्म का था और वह कार लूट व अन्य अपराध के बाद उससे मिले पैसे को दोस्त लड़कियों पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 15, 2019 9:03 AM
मोबाइल फोन में मिले गर्ल्स हॉस्टल की रहने वाली कई लड़कियों के नंबर व फोटो
पटना : मिराज के संबंधों को जांच रही पटना पुलिस को लगातार में नयी-नयी जानकारियां को मिल रही है. मिराज अय्याश किस्म का था और वह कार लूट व अन्य अपराध के बाद उससे मिले पैसे को दोस्त लड़कियों पर खर्च करता था. लड़कियों को कार में घुमाना, महंगे होटलों में खिलाना उसका शौक था.
इसका खुलासा उस समय हुआ जब मिराज के मोबाइल नंबर को पटना पुलिस की टीम ने खंगाला. जिसमें कई लड़कियों के नंबर व फोटो पुलिस को मिले हैं. खास बात यह है कि कुछ नंबर यहां के गर्ल्स हॉस्टल में रहने वाली लड़कियों के हैं. ये सभी लड़कियां मिराज के संपर्क में थी और रेशमा उन लड़कियों से दोस्ती कराने का माध्यम थी. सूत्रों का कहना है जब भी मिराज रेशमा से मिलने उसके हॉस्टल जाता था. तो हजारों रुपये खर्च करता था और रेशमा अपनी सहेलियों को मिराज के संबंध में बिजनेस मैन बताती थी. जिसके कारण लड़कियों को असलियत की जानकारी नहीं थी और वह आसानी से अपना मोबाइल नंबर तक दे देती थी.
इसके साथ ही मिराज की आयोजित पार्टी में भी हिस्सा लेती थी. सूत्रों का कहना है कि मिराज के चार मोबाइल नंबर का पुलिस ने सीडीआर निकाला है. जिसमें कई अपराधियों के साथ ही फुलवारीशरीफ के सफेदपोशों के नंबर मिले हैं. पुलिस यह संभावना जता रही है कि उक्त सफेदपोश मिराज का उपयोग करते थे और उसे उसकी रकम देते थे. पुलिस को मोबाइल फोन से कई अहम जानकारियां हाथ लगी है और कुछ नंबरों की भूमिका की जांच कर रही है.
शराब माफिया के इशारे पर वाहन लूट करता था
पटना. शराब माफिया के इशारे पर मिराज उर्फ मुन्ना वाहनों की लूट करता था. इसके साथ ही वाहन की लूट करने के बाद वह गाड़ियों को कम कीमत पर शराब माफियाओं को बेच देता था और उसका उपयोग शराब की तस्करी करने में किया जाता था. यह जानकारी भी पुलिस को जांच में मिली है. इसके साथ ही वाहन लूट के दौरान उसकी प्रेमिका रेशमा भी सहयोग करती थी. वाहन लूटने के बाद कुछ दूरी पर खड़ी रेशमा भी गाड़ी पर सवार हो जाती थी.

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