विधानसभा का घेराव करने जा रहे JAP कार्यकर्ताओं ने तोड़ी बैरिकेडिंग, पुलिस ने की पानी की बौछार
पटना: बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से हुई बच्चों की मौत, बिहार की बिगड़ती शिक्षा व्यवस्था, कोचिंग संस्थानों के बहाने माफिया राज, लू की चपेट में आये सैकड़ों लोगों की मौत, बिहार में बढ़ते अपराध, बलात्कार, स्वास्थ्य महकमों का खस्ता हाल, बिहार सरकार के बाढ़ को लेकर उदासीन रवैये के खिलाफ, बिहार एसएससी परीक्षाफल […]
पटना: बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से हुई बच्चों की मौत, बिहार की बिगड़ती शिक्षा व्यवस्था, कोचिंग संस्थानों के बहाने माफिया राज, लू की चपेट में आये सैकड़ों लोगों की मौत, बिहार में बढ़ते अपराध, बलात्कार, स्वास्थ्य महकमों का खस्ता हाल, बिहार सरकार के बाढ़ को लेकर उदासीन रवैये के खिलाफ, बिहार एसएससी परीक्षाफल के प्रकाशन में हो रही देरी एवं रोजगार की तलाश में पलायन कर रहे नौजवानों के लिए राज्य में रोजगार सृजन के मुद्दे पर जन अधिकार पार्टी (लो) की ओर से विधान सभा घेराव के लिए मार्च किया.
गांधी मैदान स्थित गांधी मूर्ति से शुरू हुए इस मार्च का नेतृत्व खुद पूर्व सांसद व पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने किया, जिसे पुलिस ने पटना के डाक बंगला चौराहे पर रोक दिया. इस दौरान पुलिस ने जन अधिकार पार्टी (लो) के छात्रों को रोकते हुए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया. बाद में जाप (लो) अध्यक्ष पप्पू यादव ने जन मुद्दों को लेकर सत्ता और विपक्ष पर जमकर हमला बोलतेहुए कहा कि एक ओर डबल इंजन की सरकार ने बिहार की जनता को छलने का काम किया, तो दूसरी ओर विपक्ष को जनता से कोई सरोकार नहीं है. उन्होंने कहा कि जन अधिकार पार्टी(लो) के हजारों की संख्या में युवा कार्यकर्ता विधानसभा घेराव को निकले थे, जहां पुलिसिया कार्रवाई के जरिये एक बार फिर बिहार की आवाज को बंद कराने कर कोशिश की गयी.
पप्पू यादव ने कहा कि आज बिहार के दर्जन भर से अधिक जिले बाढ़ ग्रस्त हैं, लेकिन प्रदेश की सरकार का रवैया उदासीन है. लू का हवाई सर्वे करने वाले मुख्यमंत्री भले बाढ़ से भी हवाई यात्रा कर आये हैं, फिर भी ग्रांउड जीरो पर सरकार की ओर से राहत व बचाव कार्य शुरू भी नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि 15 साल से नीतीश सरकार सत्ता में है लेकिन अभी तक कोसी, मिथिलांचल और सीमांचल में बाढ़ की समस्या खत्म नहींहुई है.
पप्पू यादव ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि आखिर क्या वजह है कि कोसी इलाके में बाढ़ से बचाव के लिए बांध पर दो लाख करोड़ से ज्यादारुपये खर्च हो चुके हैं, फिर भी बाढ़ हर साल आती है. बांध हर साल टूटते हैं. ऐसे में इसकी जिम्मेवारी तय क्यों नहीं होती है. इसलिए हम मांग करते हैं कि इस मामले में जिम्मेवारी तय हो और दोषियों पर कार्रवाई है. इसके लिए हम 18 जुलाई को हाईकोर्ट में एक याचिका भी दायर करने वाले हैं.