बिहार के कवि त्रिपुरारी की कविता महाराष्ट्र के 11वीं में शामिल, आरसी प्रसाद सिंह के पोते हैं त्रिपुरारी
पटना : वर्ष 2019 से महाराष्ट्र बोर्ड की ग्यारहवीं कक्षा की हिंदी की पुस्तकों में साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त कवि, कथाकार और एकांकीकार आरसी प्रसाद सिंह के पोते एवं बिहार के कवि त्रिपुरारि की शायरी पढ़ाई जायेगी. महज तीस साल की उम्र में स्कूल सिलेबस में शामिल किये जाने पर, खुशी जाहिर करते हुए त्रिपुरारि […]
पटना : वर्ष 2019 से महाराष्ट्र बोर्ड की ग्यारहवीं कक्षा की हिंदी की पुस्तकों में साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त कवि, कथाकार और एकांकीकार आरसी प्रसाद सिंह के पोते एवं बिहार के कवि त्रिपुरारि की शायरी पढ़ाई जायेगी. महज तीस साल की उम्र में स्कूल सिलेबस में शामिल किये जाने पर, खुशी जाहिर करते हुए त्रिपुरारि ने बताया कि लगभग आठ महीना पहले राज्य की सिलेबस बनाने वाली समिति बालभारती से जब उन्हें मेल आया, तो उन्हें यकीन नहीं हुआ. खैर! आगे बातचीत हुई और उन्होंने अपनी दस त्रिवेणियां किताब में शामिल करने की अनुमति दी.
यह त्रिवेणियां उनकी ई-बुक ‘सांस के सिक्के’ से ली गयी हैं, जो कि अमेजॉन पर उपलब्ध है. विदित हो कि समस्तीपुर (बिहार) में जन्मे त्रिपुरारि, उर्दू के युवा शायर और अफ्साना निगार हैं, जो इस वक्त मुंबई में रहते हुए फिल्म/टीवी के लिए राइटिंग करते हैं. उनके लिखे कुछ गीत और सीरीज ऑन एयर हो चुके हैं.