स्मार्ट सिटी की राह पर पटना, दौड़ेंगी इलेक्ट्रिक कारें
सुबोध कुमार नंदन एक से डेढ़ साल में मिलेगी सुविधा पटना : सूबे के चार स्मार्ट सिटी शहरों पटना, भागलपुर, बिहारशरीफ और मुजफ्फरपुर में सार्वजनिक परिवहन के लिए इलेक्ट्रिक कारों को बढ़ावा मिलेगा. इसको लेकर इन शहरों के स्मार्ट सिटी प्रबंधन व ऊर्जा मंत्रालय की कंपनी एनर्जी इफिशिएंसी सविर्सेज लिमिटेड (इइएसएल) के अधिकारियों के बीच […]
सुबोध कुमार नंदन
एक से डेढ़ साल में मिलेगी सुविधा
पटना : सूबे के चार स्मार्ट सिटी शहरों पटना, भागलपुर, बिहारशरीफ और मुजफ्फरपुर में सार्वजनिक परिवहन के लिए इलेक्ट्रिक कारों को बढ़ावा मिलेगा. इसको लेकर इन शहरों के स्मार्ट सिटी प्रबंधन व ऊर्जा मंत्रालय की कंपनी एनर्जी इफिशिएंसी सविर्सेज लिमिटेड (इइएसएल) के अधिकारियों के बीच बैठक हो चुकी है. पटना स्मार्ट सिटी में ही अगले एक से डेढ़ साल में शहरवासी इलेक्ट्रिक कार से सफर कर सकेंगे.
स्थापित किये जायेंगे चार्जिंग स्टेशन : अाधिकारिक सूत्रों के अनुसार इलेक्ट्रिक कार के लिए शहर के अंदर महत्वपूर्ण इलाके में चार्जिंग स्टेशन स्थापित करना पहली प्राथमिकता होगी, ताकि इलेक्ट्रिक कार का इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों को चार्जिंग की सुविधा आसानी से मिल सके. इस पर स्मार्ट सिटी के प्रबंधक और इइएसएल अधिकारी काम कर रहे हैं. हालांकि महंगी होने की वजह से इलेक्ट्रॉनिक कार कम लोकप्रिय है. डीजल और पेट्रोल इंजन कार की तुलना में इलेक्ट्रिक कार की कीमत 2 से 2.5 गुना ज्यादा होती है. देश-विदेश की प्रमुख कार कंपनियांमर्सिडीज बेंज, फोर्ड, फॉक्सवैगन, महिंद्रा, टाटा, निसान इलेक्ट्रिक कारें बनाती हैं.
इइएसएल को मिली चार्जिंग स्टेशन की जिम्मेदारी
केंद्र सरकार इलेक्ट्रिक कारों को लेकर उदार
वाहनों के इलेक्ट्रिफिकेशन को लेकर केंद्रीय बजट में भी विशेष कदम उठाये गये हैं. इस कार को लोकप्रिय बनाने के लिए सरकार ने इस पर जीएसटी की दरों में कटौती की है. साथ ही कार के लिए खरीदे जाने वाले लोन की ब्याज दर पर इनकम टैक्स में डेढ़ लाख रुपये तक की छूट दी जायेगी. खरीदारों के दिये जाने वाले लाभ इलेक्ट्रॉनिक कार के मॉडल और उनमें इस्तेमाल की जाने वाली बैटरी के साइज पर निर्भर करेंगे. इलेक्ट्रॉनिक कार खरीदने वालों को पार्किंग चार्ज में भी छूट दी जा सकती है. कई राज्यों में इलेक्ट्रॉनिक कार के लिए रजिस्ट्रेशन और रोड टैक्स फ्री कर दिया गया है.
ज्ञात हो कि देश में लागू फेम II स्कीम के तहत इइएसएल को मेट्रो से शुरुआत करते हुए पूरे देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए व्यापक तौर पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का काम दिया गया है. एक इलेक्ट्रिक कार को पूरी तरह से चार्ज करने में कम से कम डेढ़ घंटा, जबकि धीमे चार्जर से चार्ज करने में कम-से-कम आठ घंटे लग जाते हैं.