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फुलवारीशरीफ : भारतीय शिक्षा-शोध परंपरा का इतिहास गौरवशाली : राज्यपाल
फुलवारीशरीफ : महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी और भारतीय राजनीति विज्ञान परिषद के संयुक्त तत्वावधान एम्स में बुधवार को ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्रारूप’ विषय कार्यशाला आयोजित की गयी. राज्यपाल लालजी टंडन ने कार्यशाला का उद्घाटन करते हुये कहा कि भारतीय शिक्षा-शोध परंपरा का इतिहास गौरवशाली है. शिक्षा नीति में आधुनिकता के साथ अपने गौरवशाली इतिहास […]
फुलवारीशरीफ : महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी और भारतीय राजनीति विज्ञान परिषद के संयुक्त तत्वावधान एम्स में बुधवार को ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्रारूप’ विषय कार्यशाला आयोजित की गयी.
राज्यपाल लालजी टंडन ने कार्यशाला का उद्घाटन करते हुये कहा कि भारतीय शिक्षा-शोध परंपरा का इतिहास गौरवशाली है. शिक्षा नीति में आधुनिकता के साथ अपने गौरवशाली इतिहास को भी शामिल करने का आह्वान किया. उन्हाेंने कहा कि आज तमाम विश्वविद्यालयों के कुलपति व विद्वान जिस विषय पर चिंतन करने के लिए यहां एकत्रित हुए हैं, आने वाले भारत के लिए यह एक बहुत महत्वपूर्ण कदम होगा.
राज्यपाल ने कबीरदास का जिक्र बड़े ही रोचक ढंग से करते हुए कहा कि इस देश में जो निरक्षर रहे, वे भी सबसे बड़े शिक्षक हुए.
जब तक हमारे युवकों में अपने देश, अपनी परंपरा व अपने इतिहास के प्रति स्वाभिमान और गौरव नहीं पैदा होगा, तब तक यहां की शिक्षा सिर्फ किताब होगी. कार्यशाला का अध्यक्षता करते हुये महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डाॅ संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि नयी शिक्षा नीति बहुत बड़ी है. इस पर चर्चा करना एक बड़ा काम है.
गत दिनों नैक ने करीब 20-22 कुलपतियों को आमंत्रित कर इस पर एक सम्मेलन किया था. इसी क्रम में बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन से चर्चा हुई. कुलपति ने 14 राज्यों के विभिन्न विश्वविद्यालयों से आये कुलपतियों, प्रतिकुलपतियों और शिक्षाविदों का आभार जताया. उन्होंने कहा कि यहां डॉक्टर्स भी उपस्थित हैं.
आइआइएमसी के पूर्व महानिदेशक केजी सुरेश भी उपस्थित हैं. उम्मीद है कि अाप लोगों के इस मंथन का एक सार्थक निष्कर्ष निकलेगा, जो उच्च शिक्षा की दिशा प्रवृत्त करने में न सिर्फ भारत सरकार का सहायक सिद्ध होगा, बल्कि उच्च शिक्षा संस्थानों के नेतृत्व का भी पाथेय बनेगा.
केविवि मोतिहारी व भारतीय राजनीति विज्ञान परिषद की ओर से ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्रारूप’ पर कार्यशाला
शिक्षा नीति प्रारूप पर अलग-अलग समूहों में चर्चा
इससे पूर्व केविवि के प्रति कुलपति प्रो अनिल कुमार राय ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यशाला के विषय का संक्षिप्त परिचय दिया. राष्ट्रीय शिक्षा नीति समिति के सदस्य प्रो मजहर आसिफ ने बीज वक्तव्य दिया, जबकि केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो के जया प्रसाद ने धन्यवाद ज्ञापन किया. विभिन्न विवि के कुलपतियों, प्रतिकुलपतियों व शिक्षाविदों ने नयी शिक्षा नीति प्रारूप पर अलग-अलग समूहों में चर्चा की.
महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्याल व भारतीय राजनीति विज्ञान परिषद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यशाला की रिपोर्ट 31 जुलाई तक मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेजी जायेगी. भारतीय स्टेट बैंक, मोतिहारी इस कार्यशाला का प्रायोजक रहा. कार्यशाला में यूजीसी के सदस्य प्रो जी. गोपाल रेड्डी समेत बड़ी संख्या में शिक्षाविद उपस्थित रहे.
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