भूगोल पर पकड़ बनाएं बढ़ेगी सफलता की संभावना

प्रारंभिक परीक्षा में भूगोल, इतिहास तथा साइंस और टेक्नोलॉजी से 30 से 35 फीसदी तक प्रश्न होते हैं. विद्यार्थी यदि इन तीनों क्षेत्रों में कमांड विकसित करे तो सफलता की संभावना 70 से 80 फीसदी तक हो जाती है. भूगोल से सामान्यत: 10 से 20 तक प्रश्न पूछे जाते हैं. उनमें भारत का भूगोल विशेषकर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 20, 2019 4:11 AM

प्रारंभिक परीक्षा में भूगोल, इतिहास तथा साइंस और टेक्नोलॉजी से 30 से 35 फीसदी तक प्रश्न होते हैं. विद्यार्थी यदि इन तीनों क्षेत्रों में कमांड विकसित करे तो सफलता की संभावना 70 से 80 फीसदी तक हो जाती है. भूगोल से सामान्यत: 10 से 20 तक प्रश्न पूछे जाते हैं.

उनमें भारत का भूगोल विशेषकर बिहार के भूगोल से संबंधित प्रश्न अधिक रहते हैं. कुछ प्रश्न ऐसे भी रहते हैं जो छात्रों को भ्रमित करते हैं कि वो अर्थशास्त्र के प्रश्न हैं या भूगोल अथवा राजनीति विज्ञान से संबंधित हैं.
छात्रों को विषय विभाजन में न पड़ कर गंभीरता से भारत व बिहार के भूगोल से संबंधित प्राकृतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, नगरीकरण, पर्यावरण मुख्यत: वनीय संपदा जैसे विषयों की गंभीरता से तैयारी करनी चाहिए. भारत और बिहार के भूगोल की चर्चा का तात्पर्य यह नहीं है कि विद्यार्थी विश्व का भूगोल या सामान्य भूगोल का अध्ययन न करे.
सामान्य भूगोल के अंतर्गत मुख्य रूप से पर्वत, पठार, मैदान, नदियां, प्राकृतिक वनस्पति, बाढ़, भूकंप, ज्वालामुखी, प्राकृतिक प्रदेश की विशेषताएं, जनसंख्या वृद्धि, घनत्व जैसे विषयों पर अधिक ध्यान केंद्रित करें. वस्तुत: सामान्य अध्ययन के अंतर्गत कुछ ऐसे भी प्रश्न होते हैं, जिसे पूर्णत: भूगोल का नहीं कहा जा सकता है, लेकिन भौगोलिक ज्ञान उन प्रश्नों के उत्तर तक पहुंचने में सहायक हो सकता है जैसे समुंद्री जलधाराओं का यदि ठीक से अध्ययन किया गया है
तो यूरोप के पश्चिमी तट पर बसने वाले नगरों के बंदरगाहों के सालोभर कार्यरत रहने की वजह को समझा जा सकता है और उससे संबंधित प्रश्नों का उत्तर दिया जा सकता है. भूगोल के पीटी की तैयारी मुख्य परीक्षा में भी सहायक होती है. विद्यार्थियों को ग्लोब देखने का प्रयास भी करना चाहिए. पीटी की तैयारी के लिए एनसीइआरटी के पुस्तक आज भी बहुत उपयोगी हैं.

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