पटना : राज्यसभा में जदयू संसदीय दल के नेता आरसीपी सिंह ने मानव अधिकार संरक्षण संशोधन अधिनियम 2019 का समर्थन किया है. राज्यसभा में बिल का समर्थन करते हुए आरसीपी सिंह ने कहा कि जो छह संशोधन प्रस्तावित किये गये, वह काफी जरूरी है.
राज्यों के मुख्यमंत्रियों को इस बिल से काफी मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि राज्यों में मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति का मामला कई बार लंबित हो जाता है. इस बिल के माध्यम से उस प्रकार की परेशानी को दूर किया जा सकेगा. मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष के तौर पर केंद्र में पूर्व चीफ जस्टिस के अलावा अन्य जजों को और राज्यों में हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस के अलावा अन्य जजों को नियुक्त करने का निर्णय लिया गया है.
इससे अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए बड़ी संख्या में आवेदक मिल सकेंगे. सिंह ने मानवाधिकार आयोग की उपयोगिता बताते हुए कहा कि आयोग की रिपोर्ट पर एक महीने के भीतर कार्रवाई करनी होती है. बिहार का उदाहरण देखने लायक है. बिहार में जितनी बार भी मानवाधिकार आयोग की ओर से अनुशंसा आती है, उस पर सरकार की ओर से कार्रवाई की जाती है. मानवाधिकार आयोग की अनुशंसा के आधार पर दो तरह की कार्रवाई होती है, एक तो जो पीड़ित पक्ष है उसको कंपनसेशन दिया जाता है.
दूसरा, जिस अधिकारी को मानवाधिकार आयोग की ओर से दोषी ठहराया जाता है, उन पर विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की जाती है. उन्हाेंने कहा कि इस बात को ध्यान में रखना चाहिए कि मानवाधिकार आयोग कोई अलग से सरकार नहीं है.