आइआरसीटीसी घोटाला : तेजस्वी की अर्जी खारिज, सीबीआइ-इडी मामलों की अलग-अलग होगी सुनवाई
नयी दिल्ली : आइआरसीटीसी घोटाले में राजद नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को अदालत से झटका लगा है. दिल्ली के राउज एवेन्यू की विशेष अदालत ने तेजस्वी यादव की इस मांग को खारिज कर दिया कि सीबीआइ के आरोपपत्र पर फैसला होने तक प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के आरोपपत्र पर बहस नहीं हो. बुधवार को […]
नयी दिल्ली : आइआरसीटीसी घोटाले में राजद नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को अदालत से झटका लगा है. दिल्ली के राउज एवेन्यू की विशेष अदालत ने तेजस्वी यादव की इस मांग को खारिज कर दिया कि सीबीआइ के आरोपपत्र पर फैसला होने तक प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के आरोपपत्र पर बहस नहीं हो. बुधवार को विशेष न्यायाधीश अरुण भारद्वाज ने फैसला देते हुए कहा कि इडी और सीबीआइ के मामलों में अलग-अलग सुनवाई चलेगी. अब कोर्ट 31 जुलाई को दोनों मामलों की सुनवाई करेगा.
गौरतलब है कि तेजस्वी ने याचिका दाखिल कर मांग की थी कि जब तक सीबीआइ द्वारा दायर आरोपपत्र पर कोई फैसला नहीं हो जाता, तब तक इडी के आरोपपत्र पर बहस नहीं होनी चाहिए.
तेजस्वी की ओर से वकील आरएस चीमा ने कहा कि दोनों मामले एक समान हैं और सीबीआइ के फैसले का इंतजार करना चाहिए. वहीं इडी की दलील थी कि आइआरसीटीसी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला भी जुड़ा है और इसे सीबीआइ की जांच से नहीं जोड़ा जा सकता है. इस घोटाले से जुड़े इन दोनों मामलों में लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और अन्य आरापितों को अदालत से जमानत मिल चुकी है.
क्या है आइआरसीटीसी घोटाला
आरोप है कि इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आइआरसीटीसी) के जरिये रांची और पुरी में चलाये जाने वाले दो होटलों की देखरेख का काम अचानक सुजाता होटल्स नाम की कंपनी को दे दिया गया.
विनय और विजय कोचर इस कंपनी के मालिक थे और सुजाता होटल्स ने इसके बदले में कथित तौर पर लालू प्रसाद के परिवार की लारा कंपनी को पटना के सगुना मोड़ के पास तीन एकड़ जमीन दे दी. इस मामले में सीबीआइ कई बार राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव से भी पूछताछ कर चुकी है.