पुल का डिजाइन नदी का निर्बाध बहाव और बाढ़ का प्रभाव कम करनेवाला हो : सुशील मोदी
पटना : ज्ञानभवन में ‘मेजर ब्रिजेज इन बिहार : इनोवेशन एंड चैलेंजेज’ पर आयोजित वर्कशॉप को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार एक बाढ़ प्रभावित राज्य है. नदियों की धारा एवं दिशा को ध्यान में रखते हुए पुल का डिजाइन हो, ताकि पानी का अप्रत्याशित तेज बहाव बाधित हुए बिना […]
पटना : ज्ञानभवन में ‘मेजर ब्रिजेज इन बिहार : इनोवेशन एंड चैलेंजेज’ पर आयोजित वर्कशॉप को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार एक बाढ़ प्रभावित राज्य है. नदियों की धारा एवं दिशा को ध्यान में रखते हुए पुल का डिजाइन हो, ताकि पानी का अप्रत्याशित तेज बहाव बाधित हुए बिना प्रवाहित हो और बाढ़ का प्रभाव भी कम हो सके.
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद बिहार में जहां गंगा पर राजेंद्र सेतु (मोकामा), सोन पर कोईलवर पुल और गंगा पर महात्मा गांधी सेतु जैसे मात्र 3-4 गिने-चुने पुलों का निर्माण हो सका था. वहीं, एनडीए सरकार द्वारा आज सोन नदी पर 3, गंडक पर 5 और कोशी नदी पर 6 (जिसमें 1 का निर्माण हो चुका है) तथा गंगा नदी पर 12 नये मेगा पुलों का निर्माण हो रहा है. अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल की एनडीए सरकार ने बिहार में दीघा-सोनपुर रेल पुल, मुंगेर रेल पुल तथा कोशी नदी पर मेगा पुल का निर्माण कराया.
एनडीए सरकार के 15 वर्षों के कार्यकाल में बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड ने 2200 से ज्यादा पुल-पुलियों का निर्माण कर राज्य की बदहाल व बदनाम परिवहन व्यवस्था का कायाकल्प किया. सड़कों के जाल और पुलों के निर्माण से बिहारवासी को सुगम-सुलभ और बेहतरीन यातायात सुविधा मिली है.