फागू चौहान बने बिहार के नये राज्यपाल, चीफ जस्टिस एपी शाही ने दिलायी पद व गोपनीयता की शपथ

पटना : पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अमरेश्वर प्रताप शाही ने बिहार के नये राज्यपाल फागू चौहान को सोमवार को राजभवन परिसर स्थित राजेंद्र मंडप में राज्यपाल पद की शपथ दिलायी. इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, कानून मंत्री नरेंद्र नारायण यादव समेत कई एनडीए विधायक और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 29, 2019 12:19 PM

पटना : पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अमरेश्वर प्रताप शाही ने बिहार के नये राज्यपाल फागू चौहान को सोमवार को राजभवन परिसर स्थित राजेंद्र मंडप में राज्यपाल पद की शपथ दिलायी. इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, कानून मंत्री नरेंद्र नारायण यादव समेत कई एनडीए विधायक और मंत्री मौजूद थे. शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल के करीब 350 से अधिक लोग राज्यपाल के अतिथि थे.

इससे पहले, फागू चौहान बिहार के राज्यपाल के पद की शपथ लेने के लिए रविवार की शाम को विशेष विमान से पटना पहुंचे थे. नवनियुक्त राज्यपाल का स्वागत करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी समेत मंत्रिमंडल के कई सदस्य पटना एयरपोर्ट पहुंचे थे. मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को पटना एयरपोर्ट पर पुष्प गुच्छ देकर अभिवादन किया. इसके बाद स्टेट हैंगर में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.

मालूम हो कि मऊ की घोसी सीट से विधायक फागू चौहान ने 26 जुलाई को उत्तर प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित को अपना इस्तीफा सौंप दिया था. फागू चौहान को 20 जुलाई को बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया गया था. मालूम हो कि बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन को मध्य प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया है.

कौन हैं फागू चौहान?

मऊ की घोसी विधानसभा सीट से छह बार विधायक रहे फागू चौहान ने बिहार के नये राज्यपाल के पद की शपथ ली है. फागू चौहान का जन्म आजमगढ़ के शेखपुरा में एक जनवरी, 1948 को हुआ था. उनके पिता का नाम खरपत्तु चौहान था. उनकी पत्नी का नाम मुहारी देवी है. उनके तीन लड़के और चार लड़कियां हैं. पिछड़ी जाति से आनेवाले फागू चौहान वर्ष 1985 में पहली बार दलित किसान मजदूर पार्टी से घोसी विधानसभा से विधायक बने थे. इसके बाद वह जनता दल के टिकट पर 1991 में विधायक चुने गये. वर्ष 1996 और 2002 में वह बीजेपी के टिकट पर विधानसभा पहुंचे. इसके बाद वह बहुजन समाज पार्टी में चले गये और बसपा के टिकट पर वर्ष 2007 में घोसी विधानसभा की सीट जीती. इसके बाद वह वर्ष 2017 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े और जीत दर्ज की. उत्तर प्रदेश में पिछड़ी जाति का बीजेपी में बड़ा चेहरा होने के कारण उन्हें उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग का चेयरमैन भी बनाया गया.

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