छह माह से शिलापट्ट तक आकर रुकी है पटना मेट्रो
अभी तक कागजों में ही दौड़ रही है पटना मेट्रो रेल परियोजना, इस साल फरवरी में मिल चुकी है मंजूरी पटना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बरौनी से रिमोट कंट्रोल के माध्यम से 17 फरवरी, 2019 को पटना मेट्रो प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था. संजय गांधी जैविक उद्यान के गेट नंबर एक के सड़क किनारे […]
अभी तक कागजों में ही दौड़ रही है पटना मेट्रो रेल परियोजना, इस साल फरवरी में मिल चुकी है मंजूरी
पटना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बरौनी से रिमोट कंट्रोल के माध्यम से 17 फरवरी, 2019 को पटना मेट्रो प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था. संजय गांधी जैविक उद्यान के गेट नंबर एक के सड़क किनारे यह शिलापट्ट लगा है.
छह माह गुजरने वाले हैं. पटना मेट्रो प्रोजेक्ट के उस शिलापट्ट के अलावा कुछ भी जमीन पर नहीं है. न तो डिपो, नहीं जमीन का अधिग्रहण, न एलाइनमेंट का काम. राज्य की 13000 करोड़ के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर अभी सबकुछ फाइलों में कैद है. पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन का गठन कर दिया गया है, पर उसमें सभी अधिकारी अतिरिक्त प्रभार में काम कर रहे हैं.पटना में मेट्रो संचालन की दिशा में पहल वर्ष 2013 में शुरू हुई थी. इसकी डीपीआर तैयार होने तक चार वर्ष गुजर गये. डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने की जम्मेदारी राइट्स को दी गयी.
इधर अगस्त 2017 में नयी मेट्रो नीति आने के बाद नये सिरे से डीपीआर तैयार की गयी. केंद्र ने सितंबर में नयी पॉलिसी के अनुसार संशोधन के लिए डीपीआर लौटा दी. बाद में राज्य सरकार ने राइट्स से इसमें संशोधन के साथ ही एनआइटी पटना द्वारा रिपोर्ट तैयार करा कर अक्तूबर, 2018 में राज्य सरकार ने मेट्रो प्रोजेक्ट की संशोधित डीपीआर को मंजूरी के लिए केंद्र को भेज दिया.
केंद्र सरकार ने दी मंजूरी
केंद्र सरकार के विभागों द्वारा इसके परीक्षण के बाद 6 फरवरी, 2019 को वित्त मंत्रालय के पब्लिक इनवेस्टमेंट बोर्ड ने इसकी मंजूरी दी. इसी के साथ पटना मेट्रो प्रोजेक्ट को केंद्रीय कैबिनेट भेजे जाने का रास्ता साफ हो गया था.
केंद्रीय कैबिनेट से इसकी मंजूरी फरवरी में मिल गयी. प्रोजेक्ट की कुल लंबाई 31.39 किलोमीटर रखी गयी है, जिसे दो कॉरीडोर में बांटा गया है. इस प्रोजेक्ट पर 13 हजार 411.24 करोड़ की अनुमानित लागत आयेगी. निर्माण का खर्च केंद्र और राज्य सरकार द्वारा 20-20 प्रतिशत उठाया जायेगा, जबकि 60 प्रतिशत धनराशि राज्य सरकार को लोन लेना है. यह प्रोजेक्ट यहां आकर थम-सा गया है