रिटायरमेंट उम्र बढ़ानी है, तो बढ़े वेतनमान का लाभ न लें : पटना हाइकोर्ट
पटना : पटना हाइकोर्ट ने कॉलेज के अन्य शिक्षकों की भांति अपनी सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा 62 से बढ़ा कर 65 वर्ष करने की मांग करने वाले शारीरिक शिक्षक व अनुदेशकों को फटकार लगायी है. कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा है कि यदि रिटायरमेंट की उम्र सीमा बढ़ानी है, तो यूजीसी अनुदानित रिवाज्ड वेतनमान […]
पटना : पटना हाइकोर्ट ने कॉलेज के अन्य शिक्षकों की भांति अपनी सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा 62 से बढ़ा कर 65 वर्ष करने की मांग करने वाले शारीरिक शिक्षक व अनुदेशकों को फटकार लगायी है.
कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा है कि यदि रिटायरमेंट की उम्र सीमा बढ़ानी है, तो यूजीसी अनुदानित रिवाज्ड वेतनमान को छोड़कर पुराने वेतनमान पर लौटें. साथ ही कोर्ट ने मिली अधिशेष पगार को सरकार को वापस कर देने का भी निर्देश दिया है. न्यायमूर्ति डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की एकलपीठ ने रणधीर कुमार की रिट याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते कहा कि शारीरिक शिक्षक व अनुदेशक दोनों लाभ लेने के चक्कर मे न रहें.
जिस यूजीसी से उन्हें बढ़ा हुआ वेतनमान मिल रहा है, फिर उसी यूजीसी के नियमों का उल्लंघन क्यों? कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि ऐसे शिक्षकों को दोनों तरह के लाभ लेने की इजाजत कोर्ट नहीं दे सकता. याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट द्वारा किये गये सवालों का जवाब देने के लिए एक हफ्ते की मोहलत मांगी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए मामले की अगली सुनवाई की तिथि छह अगस्त को निर्धारित की है.
खाली रह गये पद तो दोबारा होगी काउंसेलिंग : शिक्षक नियोजन में अगर एक ही अभ्यर्थी प्रारंभिक और माध्यमिक दोनों श्रेणी में अप्लाइ करता है और उसका चयन दोनों श्रेणियों में हो जाता है तो खाली हुए पद पर दोबारा काउंसिलिंग होगी. इसकी जानकारी डीपीओ स्थापना अब्दुल सलाम अंसारी ने बताया कि कई अभ्यर्थी प्रारंभिक और माध्यमिक में आवेदन करते हैं. दोनों में से एक में ही नियोजित रह सकते हैं. इसलिए जो पद खाली रह जायेंगे, उसके लिए फिर से काउंसेलिंग होगी.