13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिक्रम : सावन मास बहे पुरवइया, बछवा बेच लेहु धेनु गइया

रवि प्रकाश बिक्रम : सावन माह महीना आधा बीतने को है, फिर भी आसमान से तीखी धूप से किसान विचलित हो रहे हैं. सावन माह में धान की रोपनी का कार्य खत्म कर बाबाधाम जाने की तैयारी में लग जाते हैं. किंतु इस वर्ष सावन महीने में भी बारिश नहीं होने से किसान चिंतित हैं. […]

रवि प्रकाश
बिक्रम : सावन माह महीना आधा बीतने को है, फिर भी आसमान से तीखी धूप से किसान विचलित हो रहे हैं. सावन माह में धान की रोपनी का कार्य खत्म कर बाबाधाम जाने की तैयारी में लग जाते हैं. किंतु इस वर्ष सावन महीने में भी बारिश नहीं होने से किसान चिंतित हैं. मौसम की इस बेरुखी से किसानों के बीच हाहाकर मचा हुआ है. बादल आते हैं, पर पुरवइया हवा बहने के कारण उमड़-घुमड़ कर गायब हो जा रहे हैं.
इससे किसानों की उम्मीद की किरण टूट रही है. ऐसे में यह कहावत चरितार्थ हो रही है कि ‘सावन मास बहे पुरवइया, बछवा बेच लेहु धेनु गइया’. इसका तात्पर्य है कि सावन माह में पुरवा हवा चले तो बारिश नहीं होगी. ऐसे में कृषि कार्य नहीं हो पायेगा. तब बैल की उपयोगिता ही क्या है. ऐसे में बैल को बेचकर दुधारु गाय खरीदने में लाभ है, ताकि उनकी रोजी-रोटी चल सकेगी.
सावन का एक पखवारा बीत गया. काले-काले बदरा की जगह आसमान में तेज सूरज दिखाई दे रहा है. प्रकृति के बदले मिजाज के किसान बेबस व लाचार हैं.
धान के पौधे सूख रहे हैं. रोपनी भी लक्ष्य के अनुरूप नहीं हो पायी है.इस संबंध में प्रखंड कृषि पदाधिकारी मोहन दास ने बताया कि इस वर्ष श्रीविधि से 192 एकड़, जीरो टेलर से 212 एकड़ व तनाव रोधी से 152 एकड़ धान की रोपनी का लक्ष्य है. 15 जुलाई तक जहां प्रखंड में 100 प्रतिशत धान की रोपनी हो जानी चाहिए थी, किंतु अभी तक 30 से 35 प्रतिशत ही धान की रोपनी हो पायी है.
यानी प्रखंड में जहां कुल 556 एकड़ में धान की रोपनी का लक्ष्य रखा गया था, वहां 15 जुलाई तक मात्र 165 एकड़ में ही रोपनी हो सकी है. इसका कारण है मौसम की मार व नहरों में पानी का अभाव है. इस कारण खेती पर प्रतिकूल असर दिख रहा है.धान के नैहर के नाम से मशहूर बिक्रम , दुल्हिनबाजार व नौबतपुर में इस बार धान की रोपनी बहुत ही कम हुई है, जो थोड़ा बहुत हुई भी है तो सिर्फ नहर के आसपास के ऊपरी हिस्से के क्षेत्रों में हो पायी है. नहर में सुचारु रूप से पानी नहीं मिलने से किसानों में मायूसी छायी हुई है.
पानी के बगैर धान के पौधे सूख कर पीले हो रहे हैं. खेतो में दरारें फट रही हैं. अभी तक रेवा नहर, मनेर रजवाहा नहर, पुरानी रेवा रजवाहा नहर व पईन में पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल पा रहा है. पटना- सोन कैनाल नहर में भी अभी तक पानी पर्याप्त मात्रा में नहीं आया है, जिस कारण अराप, मिल्की, गोरखरी, सर्वाभदसार व महजपुरा सहित अन्य निचले क्षेत्रों में नहर का पानी नही पहुंच रहा है.
विधायक व सांसद भी उठा चुके हैं पटवन का मामला
सोन कैनाल में पानी को लेकर स्थानीय विधायक सिद्धार्थ सिंह जहां बिहार विधानसभा में मामला उठाया था वहीं, पाटलिपुत्र के सांसद रामकृपाल यादव ने भी संसद भी पटवन की समस्या को उठा चुके हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें