पटना : बाढ़ग्रस्त इलाकों के जनप्रतिनिधियों ने कहा – बिजली बिल हो माफ
पटना : बाढ़ग्रस्त इलाकों के जनप्रतिनिधि बिजली बिल माफ करने की सरकार से मांग कर रहे हैं. इसमें मधुबनी, दरभंगा और समस्तीपुर जिले के जनप्रतिनिधि शामिल हैं. उनका कहना है कि बाढ़ खत्म होने के बाद पीड़ितों को आय का साधन विकसित करने और नुकसान से उबरने में समय लग जायेगा. खासकर किसानों की दयनीय […]
पटना : बाढ़ग्रस्त इलाकों के जनप्रतिनिधि बिजली बिल माफ करने की सरकार से मांग कर रहे हैं. इसमें मधुबनी, दरभंगा और समस्तीपुर जिले के जनप्रतिनिधि शामिल हैं. उनका कहना है कि बाढ़ खत्म होने के बाद पीड़ितों को आय का साधन विकसित करने और नुकसान से उबरने में समय लग जायेगा. खासकर किसानों की दयनीय स्थिति है.
ऐसे में बाढ़पीड़ितों का बिजली बिल माफ होना चाहिए. दूसरी ओर इस संबंध में ऊर्जा विभाग के मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि फिलहाल बाढ़पीड़ितों का बिजली बिल माफ करने के संबंध में सरकार के पास कोई योजना नहीं है.
इस संबंध में पंचायती राज विभाग के मंत्री और मधुबनी जिले के बाबूबरही विधानसभा क्षेत्र के विधायक कपिलदेव कामत ने कहा कि सरकार बाढ़पीड़ितों की हर तरह से सहायता कर रही है. ऐसे में उनका बिजली बिल माफ हो जाये तो अच्छा है. उन्होंने कहा कि नेपाल से बागमती नदी में पानी के साथ बालू भी आया है. इससे मधुबनी जिले के लदनिया प्रखंड स्थित कुमारखंड पूर्वी और कुमारखंड पश्चिमी पंचायतों में करीब दो हजार हेक्टेयर जमीन में पांच फुट ऊंचाई तक बालू भर गया है.
मांग उचित
योजना एवं विकास विभाग के मंत्री और समस्तीपुर जिले के कल्याणपुर से विधायक महेश्वर हजारी ने कहा कि प्रजातंत्र में मांग करना उचित है. मुख्यमंत्री भी बाढ़पीड़ितों को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिये हैं. उन्होंने कहा कि बिजली बिल माफ होना चाहिए, लेकिन सरकार वित्तीय परिस्थितियों को ध्यान में रखकर ही फैसला लेगी.
बिल माफी से िमलेगी मदद
दरभंगा के विधायक संजय सरावगी ने कहा कि बाढ़पीड़ितों के लिए सरकार कई स्तर पर राहत कार्य चला रही है. पीड़ित परिवारों के खाते में छह-छह हजार रुपये भेज दिये गये हैं. फसल क्षति और मृत पशुओं का आकलन हो रहा है. इसके लिए भी मदद दी जायेगी. उन्होंने कहा कि बाढ़पीड़ितों खासकर किसानों का बिजली बिल भी माफ होना चाहिए.
सरकार से रखेंगे मांग
रोसड़ा के विधायक डॉ अशोक कुमार ने कहा कि बाढ़पीड़ितों का बिजली बिल माफ होना चाहिए. इस संबंध में संबंधित मंत्री और अधिकारियों से मिलकर अपनी मांग रखेंगे.