पटना : शताब्दी वर्ष समारोह के लिए सज-धज गयी पीयू की लाइब्रेरी
पटना विवि पुस्तकालय में आज उपराष्ट्रपति करेंगे शिरकत पटना : पटना विश्वविद्यालय पुस्तकालय के शताब्दी वर्ष (1919-2019) समारोह का शुभारंभ रविवार को उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू करेंगे. इसके लिए लाइब्रेरी में रखी दुर्लभ पांडुलिपियों, सिक्कों, पुस्तकों को संवार दिया गया है. समारोह के लिए लाइब्रेरी भवन सज-धज के तैयार है. उपराष्ट्रपति सेंट्रल लाइब्रेरी के भ्रमण […]
पटना विवि पुस्तकालय में आज उपराष्ट्रपति करेंगे शिरकत
पटना : पटना विश्वविद्यालय पुस्तकालय के शताब्दी वर्ष (1919-2019) समारोह का शुभारंभ रविवार को उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू करेंगे. इसके लिए लाइब्रेरी में रखी दुर्लभ पांडुलिपियों, सिक्कों, पुस्तकों को संवार दिया गया है. समारोह के लिए लाइब्रेरी भवन सज-धज के तैयार है. उपराष्ट्रपति सेंट्रल लाइब्रेरी के भ्रमण के बाद पटना साइंस कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे.
गौरतलब है कि पटना विश्वविद्यालय के स्थापना के लगभग दो साल बाद बिहार एवं उड़ीसा के तत्कालीन लेफ्टिनेंट गवर्नर ने पुस्तकों की खरीद के लिए कुछ हजार रुपये उपलब्ध कराये थे. इसी राशि से 24 सितंबर, 1919 को इस पुस्तकालय की स्थापना हुई थी. 1932 में लाइब्रेरी के तीनों खंड बनकर तैयार हुए थे.
पहले खंड को जनरल लाइब्रेरी के नाम से जाना जाता था. इसमें शिक्षक, छात्र और रजिस्टर्ड स्नातक को ही प्रवेश दिया जाता था. दूसरे खंड में बेली मेमोरियल कलेक्शन के लिए था. यहां शिक्षक और छात्रों के साथ-साथ आम जन भी पुस्तक प्राप्त कर सकते थे. तीसरा खंड विशेष इकोनॉमिक्स कलेक्शन के नाम से जाना जाता था.
वर्तमान में इस लाइब्रेरी में पुस्तकों के अतिरिक्त 15 हजार जर्नल, 25 हजार से अधिक पीएचडी थिसिस, 5763 दुर्लभ पांडुलिपि लाइब्रेरी में हैं. मैथिली, बांग्ला, अवधी, तमिल, संस्कृत, चाइनीज, तिब्बती, उड़ीया, देवनागरी, नेपाली, अरबी, परसियन, उर्दू साहित्य के दुर्लभ संग्रह हैं. वर्तमान परिसर में 1958 में शिफ्ट हुई लाइब्रेरी लाइब्रेरी के वर्तमान भवन का उद्घाटन 17 दिसंबर, 1958 को हुआ था. इसके बाद लाइब्रेरी को नया रूप 2017 में दिया गया.