तलाक मामला : ऐश्वर्या का आरोप, गांजा पीने के आदी हैं तेजप्रताप, घाघरा-चोली पहन बन जाते थे राधा

पटना : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे एवं पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं. तलाक प्रकरण मामले में पति तेज प्रताप की ओर से फाइल किये गये केस के जवाब में ऐश्वर्या राय ने अपना पक्ष रखा है. जिसमें ऐश्वर्या राय ने अपने पति […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 6, 2019 11:00 PM

पटना : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे एवं पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं. तलाक प्रकरण मामले में पति तेज प्रताप की ओर से फाइल किये गये केस के जवाब में ऐश्वर्या राय ने अपना पक्ष रखा है. जिसमें ऐश्वर्या राय ने अपने पति के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाया है.

एक प्रमुख अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक ऐश्वर्या राय नेअपने जवाब में पति तेज प्रताप यादवपर आरोप लगातेहुएकहा है कि वे गांजा पीने के आदी हैं और गांजे के नशे में वेखुद को भगवान शिव, भगवान श्रीकृष्ण व राधा का स्वयंभू अवतार बताते थे. इतनाही नहीं कभी घाघरा-चोली पहन कर राधा बनकर सामने आ जाते थे तो बांसुरी व मोरपंख लगा कृष्ण बन जाते थे.

बता दें कि2018के मई महीने में तेज प्रताप और ऐश्वर्या की शादी हुई थी. अपने जवाब में ऐश्वर्या नेआगे कहा कि वे जब तेज प्रताप के खिलाफ शिकायत लेकर अपने ससुराल पक्ष के अन्य सदस्यों के पास जाती थी तो उन्हें किसी तरह से कोई मदद नहीं मिलती थी. ऐश्वर्याकेअनुसार, वो अपनी सास राबड़ी देवी और ननदों कोतेजप्रतापकेइस व्यवहार के बारे में बता चुकी हैं. सभी ने इस बात के लिए आश्वस्त कराया कि अब तेज प्रताप ऐसा नहीं करेंगे, लेकिन वो नहीं बदले. ऐश्वर्याकेमुताबिक,जब उन्होंने तेज प्रताप को कहा को वे गांजे की आदत छोड़ दें तो जवाब में तेज प्रताप ने कहा था, गांजा तो भोले बाबा का प्रसाद है उसको कैसे मना करें. गांजे के नशे मेंतेजप्रताप कहते थे, कृष्ण ही राधा है राधा ही कृष्ण है.

बता दें, तेजप्रताप यादव का ऐश्वर्या के साथ तलाक कामामलापटनास्थित कोर्ट में चल रहा है. तेज प्रताप की ओर से कोर्टमेंतलाककी अर्जी दायर किये जाने के बाद भी ऐश्वर्या राय फिलहाल अपने ससुराल में ही रह रहीं हैं. कोर्ट को दिये अपने जवाब के साथ ही ऐश्वर्या राय ने फैमिली कोर्ट से प्रोटेक्शन ऑफ विमेन अगेन्स्ट डॉमेस्टिक वायलेंस एक्ट, 2005 के सेक्शन 26 के तहत सुरक्षा की मांग की है.

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