पटना : दिन भर की तेज गर्मी के बाद शाम को बारिश से मिली राहत, अगस्त में सामान्य से 65% कम हुई बारिश
पटना : दो दिनों की भीषण गर्मी के बाद आखिरकार मौसम ने थोड़ी राहत दी. मंगलवार को सुबह से ऊमस भरी गर्मी और दोपहर में तेज धूप के कारण पटना का अधिकतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री अधिक 38.4 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान भी 28.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. इसके बाद शाम […]
पटना : दो दिनों की भीषण गर्मी के बाद आखिरकार मौसम ने थोड़ी राहत दी. मंगलवार को सुबह से ऊमस भरी गर्मी और दोपहर में तेज धूप के कारण पटना का अधिकतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री अधिक 38.4 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान भी 28.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है.
इसके बाद शाम से बादलों ने डेरा जमाना शुरू कर दिया. फिर लगभग सवा पांच बजे शाम को तेज धूल भरी आंधियां चलने लगीं. 10 मिनट की आंधी के बाद तेज बारिश शुरू हुई. मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार शाम साढ़े पांच बजे तक 6.6 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गयी, जबकि बारिश शाम छह बजे तक होती रही.
सक्रिय होगा मॉनसून : मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार आने वाले एक दो दिनों में मॉनसून थोड़ा सक्रिय होगा. इस दौरान बुधवार को भी बादल छाये रहने और तेज हवा के साथ बारिश होने के आसार हैं. इसके कारण लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी. वहीं गुरुवार को मौसम सामान्य रहने की संभावना है, लेकिन बादल छाये रहेंगे.
शहरी क्षेत्र में सबसे अधिक पालीगंज में सबसे कम बारिश
अनिकेत त्रिवेदी
पटना जिले में बारिश को लेकर प्रखंडवार रिपोर्ट आश्चर्यजनक है. क्योंकि, रिपोर्ट के मुताबिक जिले के शहरी क्षेत्रों में ग्रामीण क्षेत्रों के मुकाबले अधिक बारिश का रिकाॅर्ड है. इस वर्ष जनवरी से लेकर जुलाई तक जारी प्रखंडवार आंकड़ों के अनुसार पटना जिले में जुलाई के अंत तक 313.3 एमएम बारिश को रिकॉर्ड किया गया है.
जबकि, जुलाई तक का सामान्य रेंज 528.15 एमएम का है. वहीं जिले में सबसे अधिक 428.6 एमएम बारिश खुशरुपुर में पूरे वर्ष के दौरान रिकॉर्ड किया गया है. लेकिन, अगर केवल दो माह यानी जून व जुलाई के आंकड़ा को देखा जाये, तो सबसे अधिक बारिश पटना सदर यानी शहरी क्षेत्र में 407.4 एमएम बारिश हुई है. वहीं, पालीगंज में अब तक सबसे कम यानी 160.2 एमएम बारिश हुई है.
अगस्त में सामान्य से 65% कम बारिश
पटना : अगस्त में अबतक सामान्य से 65 फीसदी कम बारिश होने के कारण किसानों की परेशानी बढ़ गयी है. धान की रोपनी की रफ्तार धीमी हो गयी है तथा रोपे गये धान के पौधे पीले पड़ने लगे हैं. पूरे राज्य में अबतक लक्ष्य से करीब 12 लाख हेक्टेयर में कम रोपनी हुई है. कृषि विभाग ने इस साल 33 लाख हेक्टेयर में धान की खेती का लक्ष्य रखा है.