कैबिनेट का फैसला : 30 अगस्त, 2018 के पहले बने अपार्टमेंटों की रजिस्ट्री में अब रेरा नंबर अनिवार्य नहीं
अटके कई प्रोजेक्टों की हो सकेगी रजिस्ट्री पटना : राज्य सरकार ने रियल इस्टेट से जुड़े डेवलपरों व बिल्डरों की बड़ी राहत दी है. इसके तहत 30 अगस्त, 2018 के पहले निर्मित अपार्टमेंटों और बहुमंजिली इमारतों की रजिस्ट्री या खरीद-बिक्री अब बिना रेरा नंबर के भी की जा सकेगी. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंगलवार को […]
अटके कई प्रोजेक्टों की हो सकेगी रजिस्ट्री
पटना : राज्य सरकार ने रियल इस्टेट से जुड़े डेवलपरों व बिल्डरों की बड़ी राहत दी है. इसके तहत 30 अगस्त, 2018 के पहले निर्मित अपार्टमेंटों और बहुमंजिली इमारतों की रजिस्ट्री या खरीद-बिक्री अब बिना रेरा नंबर के भी की जा सकेगी.
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंगलवार को राज्य कैबिनेट की हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया. कैबिनेट विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि राज्य में जो अपार्टमेंट 30 अगस्त, 2018 तक पूर्ण हो चुके हैं और उनमें कम-से-कम एक फ्लैट का निबंधन हो चुका है
उनके अन्य फ्लैटों के निबंधन पर भू-संपदा (विनियमन एवं विकास) रेरा अधिनियम-2016 प्रभावी नहीं होगा. कैबिनेट की सहमति मिलने के बाद ऐसे फ्लैटों के निबंधन में आम जनता को आ रही समस्याओं का समाधान हो जायेगा. उन्होंने बताया कि इससे सरकार को राजस्व का लाभ भी होगा.
लंबे समय से बिल्डरों की थी मांग
रेरा की सलाह पर निबंधन एवं मद्य निषेध विभाग ने अगस्त, 2018 में अधिसूचना जारी कर रेरा के दायरे में आने वाले सभी प्लॉट, अपार्टमेंट व फ्लैट की रजिस्ट्री के लिए रेरा नंबर लेना अनिवार्य कर दिया था. इसकी समय सीमा एक मई, 2017 रखी गयी थी. इससे रेरा में रजिस्टर्ड नहीं हो सके कई पुराने प्रोजेक्टों की रजिस्ट्री संभव नहीं हो पा रही थी.
फ्लैटों की रजिस्ट्री घट जाने से राजस्व पर असर पड़ रहा था. इसको देखते हुए राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है. बिल्डर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष मणिकांत ने इस निर्णय पर सरकार को बधाई दी है. कहा कि इससे बड़ी संख्या में लोगों को राहत मिलेगी.