पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा कि जेपी आंदोलन से लेकर बिहार में एनडीए की सरकार बनने तक सुषमा स्वराज का प्रदेश के सार्वजनिक जीवन से गहरा लगाव बना रहा. 2010 में जब एनडीए विधानसभा चुनाव में दो तिहाई से भी अधिक बहुमत के साथ सत्ता में लौटा था, तब उन्होंने गांधी मैदान में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में आकर हम सबका उत्साह बढ़ाया था. देश उन्हें ऐसे विदेश मंत्री के रूप में याद रखेगा, जिसने विदेश यात्रा को सरल बनाने में तो योगदान किया ही, उनके रहते भारत का पासपोर्ट विदेशी धरती पर हर भारतीय के लिए सुरक्छा का बीमा बन गया था. उनका निधन संसदीय राजनीति की ऐसी उज्जवल तारिका का अाकस्मिक अवसान है, जिसकी चमक हमेशा याद रहेगी.
अपनेएक अन्य ट्वीट में सुशील मोदी ने कहा कि संविधान की धारा 370 के सारे आपत्तिजनक प्रावधान समाप्त करने और दो केंद्र शासित प्रदेशों के गठन पर संसद की मुहर के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जब इसे लागू करने वाली अधिसूचना भी जारी कर दी, तब नयी संवैधानिक और राजनीतिक सच्चाई स्वीकार करते हुए सभी दलों को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के विकास के लिए काम करना चाहिए. आज जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की ताबूत में आखिरी कीलें ठोंकी जा रही हैं और लद्दाख नयी भू-राजनीतिक पहचान के साथ उभर रहा है.
सुशील मोदी ने कहा कि अच्छी बात है कि कश्मीर संबंधी बिल का विरोध करने वाली कांग्रेस में राहुल गांधी से अलग राय रखने वालों की लाइन गहरी हो रही है. जनार्दन द्विवेदी, भुवनेश्वर कलिता के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी लगने लगा है कि धारा 370 को हटाना उचित है. ईमानदार पुनर्विचार हमेशा एक अच्छा विकल्प खोलता है.