पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को जड़ से समाप्त कर एक सीमावर्ती राज्य को विकास की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने प्रबल राजनीतिक इच्छा-शक्ति के साथ जब धारा 370 के आपत्तिजनक प्रावधान हटाने का विधेयक पेश किया, तब दोनों सदनों में कांग्रेस ने पाकिस्तान के वकील के रूप में भूमिका निभाई. अधीर रंजन चौधरी ने कश्मीर मुद्दे को द्विपक्षीय बता कर और गुलाम नबी आजाद ने भारत का सिर काटने जैसी बात कह कर जनभावनाओं को जितना आघात लगाया, उसकी भरपायी कांग्रेस कभी नहीं कर पायेगी. धारा 370 पर कांग्रेस का साथ देने वाले राजद को भी इसकी कीमत चुकानी होगी.
सुशील मोदी ने आगे कहा कि घाटी में सामान्य स्थिति बहाल करने में लगे अजीत डोभाल के आम लोगों के साथ खाना खाने पर बयान देने वाले गुलाम नबी आजाद रुपये लेकर पत्थरबाजी करने वालों पर क्यों चुप रहे? उन्होंने कभी राज्यसभा में टेरर फंडिंग का मामला क्यों नहीं उठाया? अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा पर कांग्रेस की सरकारें करोड़ों रुपये क्यों खर्च करती रहीं? कांग्रेस ने वोट बैंक की राजनीति के लिए देशहित के साथ जो अपराध किये हैं, उसकी सजा अभी और मिलने वाली है. उन्होंने कहा कि जब सरकार कश्मीर नीति की बुनियादी भूल सुधार रही है, तब कांग्रेस के कर्णधार डा.कर्ण सिंह हो सकते हैं, गुलाम नबी या अधीर रंजन नहीं.