बिहार में 500 से अधिक दागी पुलिस अफसरों से छिनी थानेदारी, जानें क्‍या है पूरा मामला

पटना : बिहार राज्य के सभी थानों में 15 अगस्त से अपराध नियंत्रण व विधि-व्यवस्था और अनुसंधान विंग अलग-अलग काम करने लगेंगे. इससे पहले बिहार में 1075 थानों और 225 आउटपोस्ट में तैनात दागी थानेदार और ओपी प्रभारी को हटाने की समय सीमा गुरुवार को समाप्त हो गयी. पुलिस मुख्यालय को गुरुवार की शाम तक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 9, 2019 7:36 AM
पटना : बिहार राज्य के सभी थानों में 15 अगस्त से अपराध नियंत्रण व विधि-व्यवस्था और अनुसंधान विंग अलग-अलग काम करने लगेंगे. इससे पहले बिहार में 1075 थानों और 225 आउटपोस्ट में तैनात दागी थानेदार और ओपी प्रभारी को हटाने की समय सीमा गुरुवार को समाप्त हो गयी.
पुलिस मुख्यालय को गुरुवार की शाम तक 500 से अधिक थानेदारों और दारोगाओं को हटाये जाने की रिपोर्ट प्राप्त हुई. शुक्रवार की शाम तक स्पष्ट हो जायेगा कि किस जिले में कितने दागी अफसरों को हटाया गया. फौरी रिपोर्ट के अनुसार राज्य में दागी इंस्पेक्टरों की संख्या करीब 800 है.
गया जिले में 10 इंस्पेक्टर और पांच दारोगाओं को हटाया गया है. भोजपुर में 22 थानेदार और चार सर्किल इंस्पेक्टरों को हटाया जा चुका है. जहानाबाद में 12 थानाध्यक्ष आैर दो ओपी प्रभारियों को हटाया गया है.
सीवान में 10 थानेदारों को हटाया गया है. किसी जिले में 10 तो किसी जिले में 15 अफसरों को हटाया गया है. ऐसे दारोगा-इंस्पेक्टर पर अभी निर्णय नहीं हुआ है, जिनकी सेवा पुस्तिका दूसरे जिले में है. पुलिस मुख्यालय ने जुलाई के पहले सप्ताह में दागी सर्किल इंस्पेक्टर व थानेदारों को हटाने का निर्देश दिया था. इस आदेश पर पहले 31 जुलाई तक अमल किया जाना था.
बाद में इसे बढ़ाकर आठ अगस्त कर दिया गया. जिन सर्किल इंस्पेक्टर, थानाध्यक्ष अथवा ओपी प्रभारी के पदों से जिन अफसराें को हटाया गया है, उनसे अनुसंधान का कार्य नहीं लिया जायेगा. ऐसे अफसरों को विधि-व्यवस्था एवं अपराध नियंत्रण की ड्यूटी ली जायेगी. हालांकि, कुछ एसएसपी द्वारा मार्गदर्शन मांगे जाने पर यह व्यवस्था की गयी है.
ऐसे पुलिस अफसरों काे माना गया दागी
शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू न कराने वाले
विभागीय जिम्मेदारी न निभाने वाले
महिलाओं से अभद्र व्यवहार करने वाले
भ्रष्टाचार का आरोप
जिनकी अभिरक्षा के दौरान किसी के साथ हिंसा हुई हो
जिन पर विभागीय कार्यवाही लंबित है
कोर्ट दोषी करार दे चुका है
विधि-व्यवस्था व अनुसंधान अलग-अलग करने के क्रम में किन क्षमता-योग्यता के पदाधिकारी पदस्थापित किये जा सकते हैं, इसके लिए स्पष्ट दिशा निर्देश हैं. जो पदाधिकारी मानक पूरे नहीं करते हैं, उनका तबादला किया जा रहा है.
-जितेंद्र कुमार, एडीजी मुख्यालय सह पुलिस प्रवक्ता

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