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पटना : दो तल्ले अवैध, सेटबैक में प्राइवेट शौचालय

राजेंद्र पथ पीरमुहानी के प्राश्रय विला अपार्टमेंट में सुविधाओं का बुरा हाल पटना : कदमकुआं राजेंद्र पथ के पीरमुहानी में प्राश्रय बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड ने करीब सात साल पहले प्राश्रय विला अपार्टमेंट का निर्माण किया. इस अपार्टमेंट का नक्शा जी प्लस फोर पास किया गया, जिसमें आठ फ्लैट बनाये जाने थे. लेकिन, बिल्डर ने नक्शे […]

राजेंद्र पथ पीरमुहानी के प्राश्रय विला अपार्टमेंट में सुविधाओं का बुरा हाल
पटना : कदमकुआं राजेंद्र पथ के पीरमुहानी में प्राश्रय बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड ने करीब सात साल पहले प्राश्रय विला अपार्टमेंट का निर्माण किया. इस अपार्टमेंट का नक्शा जी प्लस फोर पास किया गया, जिसमें आठ फ्लैट बनाये जाने थे.
लेकिन, बिल्डर ने नक्शे से इतर जी प्लस सिक्स बिल्डिंग का निर्माण कर लिया. यही नहीं, हैंडओवर के लगभग छह साल बाद भी अपार्टमेंट में फ्लैटियरों की पार्किंग, गार्ड रूम, जेनरेटर, सेट बैक आदि से जुड़ी बड़ी समस्याएं हैं. गुरुवार को प्रभात खबर की टीम ने जब ‘बिल्डरों के खिलाफ चुप्पी तोड़ो अभियान’ के तहत अपार्टमेंट की पड़ताल की तो फ्लैटियरों की कई परेशानियां निकल कर सामने आयीं.
जेनरेटर रूम में बिल्डर का ऑफिस : आवंटियों ने बताया कि एग्रीमेंट के मुताबिक जेनरेटर रूम बनाया गया, लेकिन उस पर बिल्डर का कब्जा है. इसमें बिल्डर ने ऑफिस बना कर रखा है. जेनरेटर को सेटबैक के पिछले हिस्से में खुले में रखा गया है. गार्ड रूम में भी बिल्डर से जुड़े एक से अधिक लोग रखे जाते हैं.
आवंटियों ने बताया कि नक्शे के हिसाब से आठ फ्लैट के लिए आठ पार्किंग की व्यवस्था है, लेकिन बिल्डर की गाड़ियां ड्राइव वे में खड़ी रहती हैं. शिकायत किये जाने पर मारपीट की नौबत आ जाती है. बिजली के लिए भी परिसर में सिर्फ आठ मीटर लगे हैं.
पांचवें-छठे तल्ले पर अवैध निर्माण :
बिल्डिंग के लिए चार तल्ले का ही नक्शा पास है, लेकिन बिल्डर ने पांचवें-छठे तल्ले पर अवैध निर्माण कर रखा है. इसको लेकर आवंटियों ने नगर आयुक्त कोर्ट में शिकायत की, तो 16 जनवरी, 2019 को हुई अंतिम सुनवाई में नगर आयुक्त ने दोनों अवैध तल्ले व सेटबैक का अवैध निर्माण एक महीने में तोड़ने का आदेश दिया. निगरानीवाद 26बी/2015 मामले में आयुक्त कोर्ट ने बिल्डर पर सात लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. यह मामला फिलहाल ट्रिब्यूनल कोर्ट में लंबित है. कोर्ट ने इस पर स्टे ऑर्डर लगाया है. ट्रिब्यूनल में 16 अगस्त को अगली सुनवाई होगी.
अगस्त को ट्रिब्यूनल में होगी सुनवाई
सोसाइटी नहीं बनने दे रहा बिल्डर
आवंटियों ने आरोप लगाया कि बिल्डर जान बूझ कर सोसाइटी नहीं बनने दे रहा है. मेंटेनेंस के नाम पर हर फ्लैटियर से 1800 रुपये मासिक लिये जाते हैं, लेकिन जेनरेटर का कनेक्शन किसी फ्लैट में नहीं दिया है. यहां तक कि लिफ्ट के लिए भी जेनरेटर की लाइन देने में मनमानी है. फंस जाने पर भगवान ही मालिक हैं.
नियम के मुताबिक नहीं हुआ काम
जेनरेटर रूम पर बिल्डर का कब्जा होने से जेनरेटर खुले में रखा गया है. पहले तल्ले पर फ्लैट होने की वजह से इसका धुंआ और आवाज परेशान करता है. ग्राउंड फ्लोर पर बने अवैध बाथरूम से भी बदबू आती रहती है.
विजय कुमार, फ्लैट 102
चार
साल लड़ी गयी लड़ाई के बाद नगर आयुक्त कोर्ट से इस मामले में जीत मिली है. इसके बावजूद निर्णय लागू नहीं किया जा रहा है. जानकारी मिली है कि मामला ट्रिब्यूनल कोर्ट में है. न्याय की उम्मीद है.
शंभू प्रसाद, फ्लैट 302
नियम के मुताबिक चार तल्ले से अधिक अपार्टमेंट में अग्निशमन की व्यवस्था अनिवार्य है. लेकिन, प्राश्रय विला अपार्टमेंट में इसकी व्यवस्था नहीं है. आवंटियों को ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट भी नहीं दिया गया.
अमनप्रीत सिंह गांधी, फ्लैट 201
छह मीटर चौड़ी सड़क पर ही जी प्लस फोर अपार्टमेंट का निर्माण हो सकता है. लेकिन, बिल्डर ने विचलन कर मात्र 20 फुट चौड़ी सड़क के सामने छह तल्ले के अपार्टमेंट का निर्माण कर लिया.
-संजीव कुमार पांडेय, फ्लैट 101
छत
देखते हुए ही चौथे तल्ले पर फ्लैट की बुकिंग करायी. लेकिन, ऊपर के तल्ले पर बिल्डर का अवैध कब्जा है. सभी कमरों से पानी चूने लगा है. जेनरेटर से लेकर पार्किंग तक समस्या ही समस्या है.
शिवेंद्र नारायण सिन्हा, फ्लैट 401
बिल्डर का क्या है कहना
प्राश्रय विला के छह तल्ले का नक्शा पास है. आवंटियों ने गलत तरीके से जानकारी देकर नगर आयुक्त कोर्ट में अपने पक्ष में ऑर्डर ले लिया है. इसके विरुद्ध निगम के ट्रिब्यूनल कोर्ट में अपील की गयी है. कोर्ट ने फिलहाल अवैध हिस्से के तोड़ने पर स्टे लगाते हुए 16 को अगली सुनवाई की तारीख निश्चित की है. अवैध कब्जा नहीं है.
-रूपेश कुमार, बिल्डर, प्राश्रय बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड

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