विधि-व्यवस्था बनाये रखने को नया सिस्टम विकसित
पटना : राज्य के पुलिस थानों में अनुसंधान इकाई एवं विधि व्यवस्था इकाई के प्रथक्करण से विधि व्यवस्था में किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिए सरकार ने नया तंत्र विकसित किया है. थानों के मार्गदर्शन और निगरानी के लिए अलग से तंत्र विकसित किया जा रहा है. जोनल आइजी, रेंज डीआइजी, एसपी, […]
पटना : राज्य के पुलिस थानों में अनुसंधान इकाई एवं विधि व्यवस्था इकाई के प्रथक्करण से विधि व्यवस्था में किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिए सरकार ने नया तंत्र विकसित किया है. थानों के मार्गदर्शन और निगरानी के लिए अलग से तंत्र विकसित किया जा रहा है. जोनल आइजी, रेंज डीआइजी, एसपी, एसडीपीओ व सर्किल इंस्पेक्टर के कार्यालयों में विधि व्यवस्था का अलग से आॅफिस सेटअप होगा.
इस शाखा की जिम्मेदारी पुलिस मुख्यालय के आदेश व निर्देशों का क्रियान्वयन, विधि व्यवस्था से संबंधित संचिकाओं, अभिलेखों एवं दस्तावेजों की रखरखाव के साथ ही विधि व्यवस्था से जुड़े आंकड़ों का संकलन और विश्लेषण करना होगा.
रेंज आइजी/डीआइजी की विधि व्यवस्था शाखा में एक डीएसपी, तीन इंस्पेक्टर तीन दारोगा तीन जमादार या सिपाही होंगे. एसपी/एसएएसपी के यहां एक इंस्पेक्टर, तीन दारोगा और पांच सिपाही की टीम होगी. हालांकि वह जिला के आकार के हिसाब से संख्या बढ़ा सकते हैं. एसडीपीओ और सर्किल इंस्पेक्टर की टीम में एक-एक दारोगा और दो जमादार या दो सिपाही तैनात किये जायेंगे.
गंगा नदी को आधार मानकर बांटी विधि व्यवस्था शाखाआें की जिम्मेदारी
एडीजी विधि व्यवस्था के सहयोग के लिए डीजीपी द्वारा एक आइजी /डीआइजी और सहायक आइजी नामित किया जायेगा. पुलिस मुख्यालय में विधि व्यवस्था (एलओ) के कार्यों के लिए तीन शाखाएं होंगी. शाखा प्रभारी डीएसपी होंगे. तीनों शाखाओं में किसका क्या काम होगा, यह स्पष्ट कर दिया गया है.
भौगोलिक रूप से काम के बंटवारे की बात करें तो गंगा नदी के उत्तर के सभी जिले एलओ- और दक्षिण के सभी जिले एलओ -2 के अधीन होंगे. चुनाव, वीवीआइपी मूवेंट, पर्व त्योहार, राष्ट्रीय पर्व आदि के दौरान विधि व्यवस्था बनाये रखने की जिम्मेदारी एलओ -3 को दी गयी है.
थानों के मार्गदर्शन और निगरानी के लिए रेंज आइजी, डीआइजी, एसपी, एसडीपीओ व सर्किल इंस्पेक्टर के यहां होगा विधि व्यवस्था का अलग से ऑफिस सेटअप
पुलिस मुख्यालय में एडीजी लॉ एंड आॅर्डर के अधीन तैनात होंगे आइजी/डीआइजी और एआइजी
सुपरविजन की प्रक्रिया
छोटी-बड़ी सभी घटनाओं के सुपरविजन का काम डीएसपी से नीचे के अधिकारी नहीं करेंगे. सामान्य घटनाओं की समीक्षा इंस्पेक्टर द्वारा की जायेगी. सर्किल इंस्पेक्टर एसडीपीओ और एसपी हर माह कम से कम एक विधि व्यवस्था गोष्ठी करेंगे.
विधि व्यवस्था को लेकर नया तंत्र विकसित करने के प्रस्ताव काे सरकार ने मंजूरी दे दी है. इस पर अमल शुरू है. विधि व्यवस्था शाखाओं के लिए बड़ी संख्या में पुलिस पदाधिकारियों, कर्मियों की जरूरत होगी. ट्रेनिंग भी दिलानी होगी. जल्दी ही पूरा सेटअप तैयार कर लिया जायेगा.
– अमित कुमार, एडीजी लॉ एंड आॅर्डर