बालू और गिट्टी के खनन को बनेगा नया माइनिंग प्लान

पटना : राज्य में बालू और गिट्टी के खनन के लिए नया माइनिंग प्लान बनेगा. इसके लिए एजेंसी का चयन किया जायेगा. बालू घाटों और पत्थर के खानों के बंदोबस्तधारी इन एजेंसियों के माध्यम से माइनिंग प्लान बनवा सकते हैं. उस प्लान पर सरकार की अनुमति के बाद खनन शुरू किया जा सकेगा. माइनिंग प्लान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 10, 2019 3:51 AM

पटना : राज्य में बालू और गिट्टी के खनन के लिए नया माइनिंग प्लान बनेगा. इसके लिए एजेंसी का चयन किया जायेगा. बालू घाटों और पत्थर के खानों के बंदोबस्तधारी इन एजेंसियों के माध्यम से माइनिंग प्लान बनवा सकते हैं. उस प्लान पर सरकार की अनुमति के बाद खनन शुरू किया जा सकेगा. माइनिंग प्लान बनाने वाली एजेंसी के चयन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.

इसका मकसद नदियों और पर्यावरण की सुरक्षा को ध्यान में रखना है. खान एवं भूतत्व विभाग के सूत्रों का कहना है कि राज्य के नदी घाटों पर बालू खनन के लिए बंदोबस्तधारियों को दिये गये पट्टों की समय सीमा इस साल खत्म हो रही है.
बालू खनन संबंधी नयी नीति और नियमावली बनने के बाद नये सिरे से नदी घाटों की नीलामी की जायेगी. इस नीलामी में चयनित नदी घाटों की बंदोबस्ती लेने वाले बंदोबस्तधारियों को खनन के लिए माइनिंग प्लान बनवाकर उस पर सरकार की स्वीकृति लेनी आवश्यक होगी. साथ ही पर्यावरणीय स्वीकृति भी लेनी होगी. इसके बाद ही खनन प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी.
एनजीटी के नियमों का पालन जरूरी
बालू-पत्थर के खनन में एनजीटी के नियमों का पालन जरूरी है. मुख्य रूप से नदियों में बालू खनन की अधिकतम गहराई तीन मीटर तक सीमित रखने का निर्देश है.
साथ ही पुल-पुलिया, सार्वजनिक स्थल और सिंचाई संबंधी स्ट्रक्चर के पास के क्षेत्र को बालू खनन के लिए प्रतिबंधित किया गया है.
क्या कहते हैं अधिकारी
खान एवं भूतत्व विभाग के सहायक निदेशक (मुख्यालय) संजय कुमार कहते हैं कि माइनिंग प्लान बनाने वाली एजेंसी के चयन की प्रक्रिया शुरू की गयी है. जो एजेंसियों विभाग में संपर्क करेंगी उनकी जांच होगी. सभी जरूरी शर्तों को पूरा करने वाली एजेंसी को विभाग की लिस्ट में शामिल कर लिया जायेगा. बाद में बंदोबस्तधारी अपनी माइनिंग प्लान बनवाने के लिए इनका उपयोग कर सकेंगे.

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