पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं भाजपाकेवरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि वैश्विक और घरेलू कारणों से भले ही भारत की विकास दर में कमी आयी, लेकिन बिहार अपनी औसत विकास दर 10 फीसद से ज्यादा बनाये रखने में सफल रहा. कुशल वित्तीय प्रबंधन, ढांचागत विकास और निवेश प्रोत्साहित करने की नीति लागू की गयी, जिससे लगातार दूसरे साल सूखे और बाढ़ की दोहरी मार के बावजूद विकास की गति बनी रही. वर्ष 2011-12 के स्थिर मूल्य पर वित्तीय वर्ष 2018-19 में बिहार के राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) की विकास दर 10.53 फीसद रही. 2017-18 में विकास दर 10.45 फीसद थी.
सुशील मोदी ने आगे कहा कि बाढ़-सूखा पीड़ित किसानों की हर संभव मदद की जा रही है. उन्हें प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना सहित कई कार्यक्रमों के लाभ भी मिल रहे हैं. हर गांव में बिजली पहुंच गयी है. शहरीकरण में तेजी आ रही है. स्मार्ट सिटी योजना धरातल पर उतर रही है. एनडीए सरकार कृषि सहित हर सेक्टर की विकास दर आगे भी बनाये रखेगी.
उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में लालू प्रसाद जब रिजर्वेशन के मुद्दे पर गरीबों को झांसा देकर पार्टी को सत्ता में लाने में कामयाब हो गये थे, तब उन्होंने बड़े अहंकार के साथ एलान किया था कि अब वे पूरे देश में धूम कर भाजपा विरोधी ताकतों को एकजुट करेंगे. 20 महीने बाद महागठबंधन की सरकार अपने ही बोझ से गिर गयी. हाल के संसदीय चुनाव से पहले चंद्रबाबू नायडू भी भाजपा विरोधी खेमे के रोड़े जोड़ कर सपनों का महल बनाने में लगे थे. उनकी पार्टी आंध्र प्रदेश में सत्ता से बाहर हो गयी.
राजद पर हमला बोलते हुए सुशील मोदी ने कहा कि अब कहा जा रहा है कि तेजस्वी प्रसाद यादव दिल्ली में रह कर भाजपा विरोधियों को एक मंच पर लाने में लगे हैं, इसलिए वे न विधानसभा में समय दे पाये, न राजद के सदस्यता अभियान में दिखे. राजद किसको धोखा देने के लिए कह रहा है कि जो काम लालू प्रसाद और चंद्रबाबू नायडू न कर सके, वह काम तेजस्वी यादव कर पाएंगे?