थानाध्यक्षों को दो माह पर तीन दिनों की छुट्टी

पटना : पटना और नालंदा जिले में थानों की कमान संभाल रहे थानाध्यक्षों को तनाव मुक्त करने के लिए डीआइजी सेंट्रल राजेश कुमार ने कवायद शुरू कर दी है. डीआइजी ने थानाध्यक्षों को दो माह में तीन दिन की छुट्टी देने और उस अवधि में अपने घर जाने की इजाजत दी है. साथ ही थानाध्यक्षों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 11, 2019 5:07 AM

पटना : पटना और नालंदा जिले में थानों की कमान संभाल रहे थानाध्यक्षों को तनाव मुक्त करने के लिए डीआइजी सेंट्रल राजेश कुमार ने कवायद शुरू कर दी है. डीआइजी ने थानाध्यक्षों को दो माह में तीन दिन की छुट्टी देने और उस अवधि में अपने घर जाने की इजाजत दी है.

साथ ही थानाध्यक्षों को 12 बजे रात से लेकर छह बजे तक सोने के लिए जिम्मेदारी से मुक्त रखा जायेगा और इस दौरान अपर थानाध्यक्ष थाना का सरकारी मोबाइल नंबर रखेंगे. इससे संबंधित निर्देश डीआइजी ने शनिवार को जारी कर दिया है.
बताया जाता है कि अपनी ड्यूटी करने के दौरान थानाध्यक्ष काफी तनाव में रहते हैं. इसके कारण अपना मेडिकल चेकअप तक सही ढंग से नहीं करा पाते हैं. कई माह तक अपने परिवार से भी मिलने नहीं जा पाते हैं. साथ ही थानाध्यक्षों को कभी-कभी 18 से 20 घंटे तक की ड्यूटी करनी पड़ती है. इसके कारण वे सही से सो नहीं पाते हैं. इन्हीं सभी बातों को लेकर डीआइजी ने यह निर्देश पटना व नालंदा जिला के थानाध्यक्षों के लिए जारी किया है.
डीआइजी ने बताया कि तनाव मुक्त ड्यूटी करने को लेकर यह व्यवस्था की गयी है और इससे संबंधित निर्देश पटना व नालंदा जिला के एसपी को दे दिया गया है. सही ढंग से काम करने के लिए दो माह में तीन दिन की छुट्टी और सोने के लिए 12 बजे रात से छह बजे तक के समय में सारी जिम्मेदारी से मुक्त किया गया है.
गलत सूचना देकर किसी को फंसाने की कोशिश की, तो जायेंगे जेल
पुलिस को गलत सूचना देकर दूसरों को फंसाने वाले अब सतर्क हो जायें. डीआइजी सेंट्रल राजेश कुमार ने इस मामले को काफी गंभीरता से लिया है और पटना व नालंदा जिले के पुलिस को निर्देश दिया है कि अगर इस तरह की बातें सामने आती है तो उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करें.
आमतौर पर ऐसे कुछ मामले सामने आये थे जिसमें पुलिस को गलत सूचना देकर अगले व्यक्ति को परेशान कराया गया. इसके साथ ही सोशल मीडिया के माध्यम से बिना पुष्टि के गलत सूचना को वायरल करने वालों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश डीआइजी ने दिया है.
डीआइजी ने बताया कि अगर कोई गलत सूचना को वायरल करता है, जिससे सांप्रदायिक और जातिवाद आधारित कोई तनाव पूर्ण माहौल बन जाये या फिर उपद्रव की घटना हो जाये तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई तय है. इसके साथ ही गलत तरीके से दूसरों को फंसाने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया गया है.

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